फेस्टिव सीजन में अगर आप सोने-चांदी की ज्वैलरी खरीदने या निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए राहत की खबर है। अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी की वजह से गुरुवार को सोने की कीमतों में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली। निवेशकों के लिए यह राहत भरी खबर है क्योंकि हाल के दिनों में सोने की कीमतें काफी ऊंचाई पर पहुंच गई थीं।
सोने के दामों में गिरावट का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां हैं जिन्होंने सोने की कीमतों को नीचे खींचा है। साथ ही बॉन्ड यील्ड में आई तेजी ने निवेशकों को सुरक्षित विकल्पों की ओर मोड़ दिया है जिससे सोने की मांग में कमी आई है। भारत में भी इसका असर साफ देखा जा रहा है।
देश के बड़े शहरों में 22 कैरेट और 24 कैरेट सोने की कीमतों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। दिल्ली और जयपुर में 22 कैरेट सोना ₹1,05,050 और 24 कैरेट ₹1,14,590 पर मिल रहा है। अहमदाबाद और पुणे में 22 कैरेट ₹1,04,950 और 24 कैरेट ₹1,14,490 है। मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु में 22 कैरेट ₹1,04,900 और 24 कैरेट ₹1,14,440 पर सोना उपलब्ध है।
देश के वायदा बाजार यानी एमसीएक्स पर भी सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई। शुरुआती कारोबार में सोना 0.32% की गिरावट के साथ ₹1,12,200 प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था। वहीं चांदी में हल्की तेजी रही और इसका दाम 0.22% बढ़कर ₹1,34,090 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें थोड़ी कमजोर नजर आ रही हैं। 25 सितंबर को सुबह 0347 GMT तक अमेरिकी हाजिर सोना $3,737.01 प्रति औंस पर था। दिसंबर डिलीवरी के लिए अमेरिकी सोना वायदा लगभग स्थिर $3,767.90 पर रहा। डॉलर इंडेक्स में 0.1% की हल्की गिरावट ने विदेशी निवेशकों के लिए सोना थोड़ा सस्ता कर दिया है लेकिन अब सबकी नजरें शुक्रवार को आने वाली PCE रिपोर्ट पर हैं जो अमेरिका में महंगाई का अहम संकेतक है।
भारत में सोने की कीमतें कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारकों से तय होती हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतें, आयात शुल्क, करेंसी एक्सचेंज रेट, टैक्स और सरकार की नीतियां शामिल हैं। इसके अलावा सोना हमारे देश में सांस्कृतिक महत्व रखता है और शादी-ब्याह और त्योहारों में इसकी मांग बढ़ने पर कीमतें भी तेजी से चढ़ जाती हैं।
