उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में देहरादून में आयोजित विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन में भाग लेने जंगल के दोस्त समिति को भी आमंत्रित किया गया।
सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान एवं तकनीक जितेंद्र सिंह ने किया।
जंगल के दोस्त समिति की ओर से अनिता कनवाल, नीमा परिहार, रेनू परिहार, ललिता कांडपाल, सुमन बिष्ट और पूरन सिंह नेगी ने सम्मेलन में प्रतिभाग किया।
सम्मेलन के प्रथम सत्र जंगल के दोस्त समिति की ओर से वनाग्नि प्रबंधन के शीतलाखेत मॉडल प्रकाश डाला गया। स्याहीदेवी-शीतलाखेत क्षेत्र में जन और तंत्र के सहयोग से चलाये जा रहे जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान के अन्तर्गत जंगलों को आग और नुकसान से सुरक्षित रखने हेतु किये गये अभिनव प्रयोगों ओण दिवस, फायर पट्टी और गोल्डन आवर,वीएल स्याही हल,एएनआर आदि की अवधारणा को विश्व के अनेक देशों से आए प्रतिनिधियों के समक्ष रखा गया।
यूकोस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत द्वारा विश्व स्तरीय सम्मेलन में जंगल के दोस्त समिति को आमंत्रित किये जाने पर गिरीश चन्द्र शर्मा, रीमा पंत, आरडी जोशी, चन्दन डांगी, शिव सिंह खेतवाल, गजेंद्र कुमार पाठक, नरेंद्र सिंह बिष्ट, संदीप मनराल, रमेश भंडारी, गणेश पाठक, प्रताप सिंह, गोपाल सिंह, दिनेश पाठक, राम सिंह परिहार, तारा सिंह परिहार, भूपाल सिंह परिहार, नारायण सिंह, पंकज पाठक, नवीन टम्टा, भारत बिष्ट, खीम सिंह, कैलाश नाथ, ललित बिष्ट, हरक सिंह परिहार, सुंदर लाल, हेम चंद्र, चना देवी, हेमा पाठक, रेनू देवी आदि ने खुशी व्यक्त की है।
