उत्तरकाशी में मंगलवार दोपहर करीब पौने दो बजे के आसपास हरसिल में सेना के कैंप से कुछ किलोमीटर दूर धराली गांव में अचानक बादल फट गया। इसके बाद जो मंजर बना उसने पूरे इलाके को तबाही की तरफ धकेल दिया। मलबा और पानी का ऐसा सैलाब आया कि चार लोगों की जान चली गई और पचास से ज्यादा लोग लापता हो गए हैं।
इस बाढ़ ने गंगोत्री धाम का संपर्क पूरी तरह काट दिया है। सड़कों का नामोनिशान मिट गया है। पानी के साथ जो मलबा नीचे की तरफ बहा उसने इलाके की हालत ऐसी कर दी कि सबकुछ जलमग्न हो गया। बचाव के लिए कई टीमें मौके पर भेजी गई हैं।
एक व्यक्ति जो घटना के वक्त वहीं मौजूद था उसने बताया कि होटलों से लेकर बाजार तक कुछ भी नहीं बचा। उसने ऐसी तबाही पहले कभी नहीं देखी।
बताया जा रहा है कि जहां से खीर गंगा बहती है वो जगह सात ताल के पास हरी शिला पर्वत पर है। बादल यहीं फटा। एक तरफ धराली बसा है दूसरी ओर तेल गाट है जहां सेना का कैंप मौजूद है।
हादसे के समय धराली में सैकड़ों लोग मौजूद थे जिनमें स्थानीय लोग और तीर्थयात्री शामिल हैं। सेना का कैंप भी इसकी चपेट में आ गया। कैंप में सेना का मेस और कैफे है। खबर है कि कई जवान लापता हैं।
हर्षिल में सेना की चौदह राजरिफ यूनिट तैनात है। वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी से करीब अठारह किलोमीटर दूर नेतला में भी भूस्खलन हो गया है जिससे धराली तक पहुंचना और मुश्किल हो गया है।
हर्षिल में नदी के किनारे बना हेलीपैड भी बह गया है। मौसम खराब होने की वजह से हेलीकॉप्टर से राहत और बचाव का काम भी नहीं हो पा रहा है।
