UKSSSC पेपर लीक जांच में पुलिस की पांच टीमें सक्रिय, तीन जिलों में मास्टरमाइंड की तलाश तेज

देहरादून: उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक का मामला अभी भी सुर्खियों में बना हुआ है। मामले को लेकर युवा सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं…

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देहरादून: उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पेपर लीक का मामला अभी भी सुर्खियों में बना हुआ है। मामले को लेकर युवा सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लगातार जांच कर रही है। इस जांच के लिए पांच अलग-अलग पुलिस टीमें सक्रिय हैं और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।

गृह सचिव शैलेश बगौली और डीजीपी दीपम सेठ ने इस मामले पर एक संयुक्त बयान जारी किया। डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि पुलिस मुख्यालय इस जांच की कड़ी निगरानी कर रहा है और पांच पुलिस टीमें मामले की जांच में लगी हैं। उन्होंने बताया कि अब तक पर्याप्त सबूत बरामद किए जा चुके हैं और जल्द ही जांच पूरी कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पेपर लीक मामले में एसआईटी जांच के बाद एक प्रोफेसर, तीन अन्य और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन और खालिद की बहनें हिना और साबिया को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। बाद में हिना को रिहा कर दिया गया। इसके अलावा उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार भी जांच में शामिल हैं। उनके खिलाफ रायपुर थाने में अनुचित साधन निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बीती 21 सितंबर को उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा हुई थी, लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ ही समय बाद प्रश्न पत्रों के स्क्रीनशॉट्स सामने आने लगे। उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने इस घटना का विरोध करते हुए आयोग और सरकार से पेपर लीक की सीबीआई जांच कराने की मांग की।

यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने बयान में कहा कि जैमर लगाने के बावजूद प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र से कैसे बाहर आए यह हैरान करने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि पेपर लीक नहीं हुआ, केवल प्रश्न पत्र के तीन पन्ने ही बाहर आए। इसके बाद महिला प्रोफेसर ने पुलिस को बताया कि खालिद नाम के व्यक्ति ने उसे प्रश्न पत्र भेजकर जवाब मांगे थे, जिनका उसने जवाब दिया। महिला प्रोफेसर ने यह भी बताया कि उसने ये प्रश्न पत्र बॉबी पंवार को भी भेजे थे, लेकिन बॉबी पंवार ने इसे पुलिस में देने से मना कर दिया।