केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को कैबिनेट बैठक में युवाओं और बुनियादी ढांचे से जुड़ी कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में खास तौर पर रोजगार, खेल और नवाचार को लेकर फैसले लिए गए हैं। सरकार ने एक नई प्रोत्साहन योजना शुरू की है, जिसका लाभ उन युवाओं को मिलेगा जो पहली बार नौकरी कर रहे हैं। इस योजना के तहत पहले चरण में नौकरी पाने वाले युवाओं को पंद्रह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त नौकरी लगने के छह महीने बाद और दूसरी किस्त बारह महीने बाद मिलेगी। वहीं योजना के दूसरे चरण में दो साल तक हर महीने तीन हजार रुपये दिए जाएंगे।
इस योजना का मकसद खास तौर पर विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि इस योजना पर सरकार कुल 1.07 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसका उद्देश्य रोजगार के नए अवसर पैदा करना, रोजगार क्षमता को बढ़ाना और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है। सरकार की योजना है कि दो साल में देश में 3.5 करोड़ से ज्यादा नई नौकरियों का सृजन हो। साथ ही पहली बार काम करने वालों को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित भी किया जाएगा। इस योजना के तहत ऐसे नियोक्ताओं को भी फायदा मिलेगा जो एक लाख रुपये तक वेतन वाले कर्मचारियों को रोजगार देंगे। खास तौर पर विनिर्माण क्षेत्र में काम करने वाले नियोक्ताओं को यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे साल तक भी दिया जा सकता है।
बैठक में खेलों को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया गया। सरकार ने ‘खेलो भारत नीति 2025’ को मंजूरी दे दी है। यह नीति अब पूरे देश में लागू होगी, ताकि युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित किया जा सके। मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले समय में भारत खेलों के मामले में दुनिया के टॉप पांच देशों में शामिल हो। इससे पहले 1984 और 2001 में राष्ट्रीय खेल नीति को लागू किया गया था। अब एक बार फिर से नई नीति के साथ सरकार खेलों को मजबूत करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
इसके अलावा अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘अनुसंधान और नवाचार योजना’ को भी हरी झंडी दे दी गई है। इस योजना पर सरकार एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को शोध और खोज के लिए प्रेरित करना है, ताकि देश में तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल सके।
कैबिनेट बैठक में तमिलनाडु के लिए भी एक अहम फैसला लिया गया। राज्य के परमकुडी से रामनाथपुरम के बीच 46.7 किलोमीटर लंबे चार लेन हाईवे को मंजूरी दी गई है। इस सड़क के निर्माण पर 1,853 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। फिलहाल इस रूट पर केवल दो लेन की सड़कें हैं जिन पर ट्रैफिक का दबाव काफी ज्यादा रहता है। नए हाईवे के बनने से आवाजाही आसान होगी, सड़क सुरक्षा में सुधार आएगा और रामेश्वरम व धनुषकोडी जैसे धार्मिक पर्यटन स्थलों तक पहुंचना और सुगम हो जाएगा। इसके अलावा व्यापार और औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी।
