अकसर लोग मानते हैं कि फैटी लिवर सिर्फ मोटापे या गलत लाइफस्टाइल वालों को होता है। लेकिन सच यह है कि कभी-कभी बिल्कुल पतले और फिट दिखने वाले लोग भी इससे प्रभावित हो जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि पतले या सामान्य वजन वाले लोगों में नॉन-ओबेस फैटी लिवर तेजी से बढ़ रहा है और इसे पहचान पाना मुश्किल होता है। इस कारण यह धीरे-धीरे गंभीर रूप ले सकता है।
फिट दिखना हमेशा अंदर की सेहत की गारंटी नहीं है। कुछ लोग बाहर से दुबले-पतले लगते हैं, लेकिन उनके शरीर में विजरल फैट अधिक होता है। यह फैट लिवर में जाकर ट्राइग्लिसराइड्स जमा करता है और समय के साथ फैटी लिवर बन जाता है। इसके अलावा असंतुलित खानपान, नींद की कमी, जेनेटिक फैक्टर, कम प्रोटीन और ज्यादा कार्ब वाली डाइट, हल्की शारीरिक गतिविधि और बार-बार बाहर का खाना भी इस बीमारी को बढ़ावा देते हैं।
फ्राइड फूड, शुगर और प्रोसेस्ड आइटम्स सीधे लिवर पर असर डालते हैं। पतले लोगों में शराब का सेवन भी फैटी लिवर का कारण बन सकता है। भले ही शरीर फिट दिखे, लेकिन नियमित शराब लिवर में फैट जमा करती है और सूजन बढ़ाकर फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ाती है। इंसुलिन रेसिस्टेंस, थायरॉयड असंतुलन और पीसीओएस जैसी स्थितियां भी फैटी लिवर का कारण बन सकती हैं।
बचाव के तरीके: हर व्यक्ति को साल में कम से कम एक बार लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए। साथ ही डाइट में शुगर वाले पेय, रिफाइंड कार्ब्स, जंक फूड और डीप फ्राइड स्नैक्स कम करें। इसके बजाय फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन, ओमेगा-3 और फाइबर युक्त भोजन लें। रोजाना 30-40 मिनट स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या ब्रिस्क वॉक करें, क्योंकि यह लिवर में जमा फैट घटाने में मदद करता है। तनाव कम रखें, शराब का सेवन सीमित करें और नींद पूरी लें।
