क्या आप जानते हैं कि बिना किसी कैमरे या माइक्रोफोन के भी अब आपके हर मूवमेंट पर नजर रखी जा सकती है। सुनने में चाहे ये किसी फिल्मी कहानी जैसा लगे लेकिन अब ऐसा मुमकिन हो चुका है। इटली के रोम शहर में स्थित ला सापिएंजा यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने एक ऐसी तकनीक तैयार की है जो कमरे में मौजूद किसी भी इंसान की गतिविधियों को सिर्फ वाई फाई सिग्नल के ज़रिए समझ सकती है।
इस नई खोज को नाम दिया गया है हूफाई। ये सिस्टम ना तो किसी कैमरे की मदद लेता है और ना ही किसी आवाज़ रिकॉर्ड करने वाले यंत्र की। ये बस कमरे में फैले वाई फाई सिग्नल्स में होने वाले बेहद हल्के बदलावों को पकड़ता है और उसी के ज़रिए समझ जाता है कि इंसान चल रहा है बैठा है या खड़ा है। यानी ये हर मूवमेंट पर बारीकी से ध्यान देता है और उसके आधार पर पहचान भी कर सकता है।
जब वाई फाई सिग्नल किसी कमरे में घूमते हैं तो वे चीजों से टकराते हैं कुछ हिस्सा इंसानी शरीर सोख भी लेता है। हर व्यक्ति का शरीर इन सिग्नलों को अलग तरीके से प्रभावित करता है। हूफाई इसी खास बदलाव को समझने के लिए न्यूरल नेटवर्क्स का इस्तेमाल करता है और हर व्यक्ति का एक यूनिक सिग्नल पैटर्न तैयार कर लेता है।
रिसर्च टीम ने इसके लिए जो डाटा इकट्ठा किया है उसे उन्होंने एनटीयू फाई नाम दिया है। इस डाटा की मदद से हूफाई को इंसान की लोकेशन पहचानने के लिए भी ट्रेन किया गया है। रिसर्चरों का दावा है कि हूफाई की पहचान करने की क्षमता अब तक 95 फीसदी से ज्यादा पहुंच चुकी है। यानी अगर कोई व्यक्ति दोबारा कमरे में आता है तो हूफाई उसे पहचान सकता है।
वैसे तो इस तकनीक में न कोई फोटो ली जाती है और न ही कोई आवाज रिकॉर्ड की जाती है लेकिन फिर भी ये प्राइवेसी के लिहाज से काफी चिंता की बात बन सकती है। क्योंकि इससे किसी को भी चुपचाप ट्रैक किया जा सकता है। रिसर्च करने वालों ने ये भी कहा है कि हूफाई किसी भी इंसान की निजी जानकारी या बॉयोमेट्रिक डाटा नहीं लेती लेकिन ये भी सच है कि इससे घरों दफ्तरों या किसी भी पब्लिक प्लेस में मौजूद लोगों पर नजर रखना बेहद आसान हो जाएगा।
फिलहाल ये तकनीक लैब में ही सीमित है लेकिन वाई फाई आज हर जगह मौजूद है ऐसे में ये खोज आगे चलकर सुरक्षा व्यवस्था से लेकर हेल्थ मॉनिटरिंग और आर्मी मिशन तक में इस्तेमाल की जा सकती है। हूफाई अभी विकास के दौर में है और रिसर्च टीम इसे आगे और बेहतर बनाने में जुटी हुई है।
