आठ बेटों को जन्म देने के बाद भी शमशान पर 6 घंटे तक पढ़ा रहा मां का शव, संपत्ति के लिए लड़ते-मरते रहे सभी

बिहार के भागलपुर से एक बेहद ही दर्दनाक और शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां आठ बेटों की मां का शव लगभग 6…

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बिहार के भागलपुर से एक बेहद ही दर्दनाक और शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। यहां आठ बेटों की मां का शव लगभग 6 घंटे तक शमशान घाट पर पड़ा रहा लेकिन किसी ने में मुखाग्नि नहीं दी, बल्कि संपत्ति के लिए आपस में लड़ते रहे।भाइयों का विवाद इस कदर बढ़ गया की मां का शव यूं ही पड़ा रहा।


जब हालात ज्यादा बिगड़ गए तो पुलिस मौके पर पहुंची और बेटों को समझा बूझाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करवाई। बताया जा रहा है यह पूरा मामला बरियारपुर थाना क्षेत्र के नया छावनी का है, जहां रात 9:30 बजे सुदामा देवी (84) का निधन हो गया। वहीं जब अंतिम संस्कार के लिए शव सुलतानगंज श्मशान घाट लाया गया, तो भाइयों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया।


सुदामा देवी के आठ पुत्र थे जिनमें से दो कि पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। वही बाकी 6 लोगों में से एक को मुखाग्नि देनी थी लेकिन परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और अंतिम संस्कार करवाया।


इस दौरान मृतका के छोटे पुत्र लालमोहन यादव ने अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोक दी और शव को मुखानी देने की जिद करने लगा। वही स्थिति तनावपूर्ण और हो गई तो पुलिस श्मशान घाट पहुंच गई। पुलिस ने बेटों को समझने का प्रयास किया। काफी वाद विवाद के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई।


इसके बाद मंझले पुत्र लाल मोहन यादव ने मां को मुखाग्नि दी। श्मशान घाट पर मौजूद लोगों ने कहा कि एक पुत्र का मां के शव के साथ इस प्रकार का व्यवहार बेहद शर्मनाक है। ऐसे विवादों का सार्वजनिक स्थानों पर पहुंचना समाज में नैतिकता के गिरते स्तर को दर्शाता है।