भिलाई से शुक्रवार सुबह जो खबर निकली उसने पूरे छत्तीसगढ़ की सियासत में हलचल मचा दी है। बात है प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर ईडी की दबिश की। भिलाई तीन के पदुम नगर इलाके में स्थित उनके घर पर सुबह सुबह ईडी की टीम पहुंची और सीधे उनके बेटे चैतन्य बघेल को अपने साथ ले गई।
ये सब उस वक्त हुआ जब विधानसभा का मानसून सत्र आखिरी पड़ाव पर था। ईडी की यह कार्रवाई अचानक नहीं मानी जा रही। बल्कि इसके पीछे एक बड़ा राजनीतिक मकसद देखा जा रहा है। जानकारी सामने आई है कि ये छापा शराब घोटाले से जुड़े मामलों को लेकर डाला गया है। लेकिन जैसे ही ईडी की टीम भिलाई पहुंची उसके बाद रायपुर से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई।
चैतन्य को हिरासत में लेने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता भूपेश बघेल के घर के बाहर जमा हो गए। ईडी की गाड़ी को रोका गया। कुछ लोग सड़क पर ही बैठ गए। ईडी अधिकारियों को चैतन्य को घर से बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई। काफी देर बाद चैतन्य को रायपुर स्थित ईडी दफ्तर ले जाया गया।
इस पूरे घटनाक्रम पर खुद भूपेश बघेल का कहना है कि उनके बेटे का आज जन्मदिन है। और ठीक एक साल पहले जब उनका जन्मदिन था तब भी ईडी उनके घर पहुंची थी। उन्होंने कहा कि आज विधानसभा में उन्हें अडानी के मुद्दे पर बोलना था लेकिन उससे पहले ईडी की कार्रवाई करवाकर उन्हें रोकने की कोशिश की गई है।
मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला। कहा कि वे न झुकेंगे न डरेंगे। उनके मुताबिक विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए ईडी सीबीआई और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
कांग्रेस ने भी इस कार्रवाई को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। भिलाई नगर से विधायक देवेंद्र यादव का कहना है कि यह सब पूर्व मुख्यमंत्री को चुप कराने की साजिश है। क्योंकि वे लगातार भाजपा की नीतियों का विरोध कर रहे हैं और विधानसभा में सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
रायपुर में ईडी दफ्तर के बाहर भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। आसपास की सभी दुकानें और गलियों को खाली कराया गया है। आम लोगों के आने जाने पर पाबंदी लगा दी गई है।
ये पहला मौका नहीं है जब भूपेश बघेल के घर ईडी पहुंची हो। लेकिन यह कार्रवाई एक बार फिर इस बात को हवा दे रही है कि केंद्र की एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों पर दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है।
