देहरादून में उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम इस बार रजत जयंती वर्ष के रूप में मनाया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे प्रधानमंत्री देहरादून पहुंचे तो राज्यपाल और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद वे सीधे एफआरआई पहुंचे जहां राज्य स्थापना के पच्चीस सालों की झलक दिखाने वाली प्रदर्शनी का उन्होंने अवलोकन किया और फिर मंच से जनता को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने अपना भाषण गढ़वाली भाषा से शुरू किया और कहा कि आज का दिन उत्तराखंड के सपनों को नई उड़ान देने वाला है। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश को नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रही है। उन्होंने शहीदों और राज्य आंदोलनकारियों को नमन किया और कहा कि उत्तराखंड की कठिन परिस्थितियां हमेशा उन्हें प्रेरणा देती हैं। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में राज्य के शुरुआती दिनों को याद किया और कहा कि तब चुनौतियां बहुत थीं लेकिन आज तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।
मोदी ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है। उन्होंने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि इसमें राज्य की पच्चीस साल की यात्रा की झलक दिखाई देती है और यह प्रेरणादायक है। उन्होंने बताया कि राज्य का बजट जो कभी बहुत कम था अब एक लाख करोड़ से ज्यादा हो चुका है। बिजली उत्पादन चार गुना बढ़ा है और हेली सेवाएं भी तेज़ी से बढ़ी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड भारत की आध्यात्मिक धड़कन है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। उन्होंने ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन। दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे जैसी परियोजनाओं का जिक्र किया और कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी से यहां की अर्थव्यवस्था और पर्यटन दोनों को नई गति मिलेगी।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की असली ताकत उसका अध्यात्म है। अगर राज्य चाहे तो यह इस क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है। यहां के मठ मंदिरों में विदेशों से श्रद्धालु आते हैं। यहां की जड़ी बूटियां अनोखी हैं। मोदी ने कहा कि उत्तराखंड वेलनेस के क्षेत्र में शानदार काम कर रहा है। उन्होंने वाइब्रेंट विलेज योजना का उल्लेख किया और कहा कि राज्य का हर सीमांत गांव आने वाले समय में पर्यटन का बड़ा केंद्र बनेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब समय है कि उत्तराखंड अपनी छिपी हुई संभावनाओं को पहचाने। उन्होंने कहा कि यहां के त्योहार और मेले विश्व स्तर पर पहचान बना सकते हैं। इसके लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन मेला जैसी पहल जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य के पहाड़ी फलों की देशभर में मांग है और अब यहां बारह महीने पर्यटन की संभावनाएं हैं। सरकार विंटर टूरिज्म पर भी काम कर रही है और पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि इस साल केदारनाथ धाम में सत्रह लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। उत्तराखंड इको टूरिज्म। एडवेंचर। फिल्म शूटिंग और वेडिंग डेस्टिनेशन के लिए लोकप्रिय हो रहा है। उन्होंने कहा कि वेड इन इंडिया के लिए उत्तराखंड एक बेहतरीन जगह है।
मोदी ने कहा कि राज्य सरकार वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा दे रही है। यहां के कई उत्पादों को जीआई टैग मिला है। बदरी गाय का घी और बेडू जैसे उत्पाद अब घर घर तक पहुंच रहे हैं। हाउस ऑफ हिमालय जैसी पहल इन उत्पादों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ला रही है जिससे इन्हें आसानी से खरीदा जा सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब तक विकास की राह में कई अड़चनें आईं लेकिन भाजपा सरकारों ने उनका डटकर सामना किया। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने यूसीसी और डेमोग्राफी चेंज जैसे अहम मुद्दों पर साहसिक कदम उठाए हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने आठ हजार दो सौ साठ करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें पेयजल। सिंचाई। तकनीकी शिक्षा। ऊर्जा। शहरी विकास। खेल और कौशल विकास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने अमृत योजना के तहत देहरादून जलापूर्ति कवरेज। पिथौरागढ़ में विद्युत सबस्टेशन। सरकारी भवनों में सौर संयंत्र और हल्द्वानी स्टेडियम में एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान का उद्घाटन किया।
इसके साथ ही उन्होंने सोंग बांध पेयजल परियोजना और जमरानी बहुउद्देशीय बांध परियोजना का शिलान्यास किया। सोंग बांध देहरादून को हर दिन डेढ़ सौ एमएलडी पानी उपलब्ध कराएगा जबकि जमरानी परियोजना सिंचाई। पेयजल और बिजली उत्पादन में सहायक होगी। इसके अलावा चंपावत में महिला खेल महाविद्यालय। नैनीताल में आधुनिक डेयरी संयंत्र और विद्युत सबस्टेशन जैसी परियोजनाओं की भी नींव रखी गई।
