शनिवार की सुबह जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में धरती हिलने से लोग थोड़ी देर के लिए सहम गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई। झटकों का केंद्र डोडा रहा और इसका असर आसपास के इलाकों में भी हल्के तौर पर महसूस किया गया। राहत की बात ये रही कि इस भूकंप में किसी को चोट नहीं लगी और ना ही किसी तरह के नुकसान की कोई जानकारी सामने आई है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र पांच किलोमीटर की गहराई में था। इसका स्थान 33 डिग्री अक्षांश और 76.14 डिग्री देशांतर पर दर्ज किया गया। झटकों का असर जम्मू कश्मीर के अलावा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला इलाके तक भी पहुंचा। स्थानीय लोगों के मुताबिक झटके हल्के जरूर थे लेकिन कुछ पल के लिए डर का माहौल बन गया था।
इसी हफ्ते की बात करें तो कुछ दिन पहले किश्तवाड़ इलाके में भी रात के वक्त धरती हिली थी। उस समय भूकंप की तीव्रता 3.1 रही थी और झटके रात करीब सवा एक बजे महसूस किए गए थे। उस दौरान भी किसी तरह की जान या माल की हानि नहीं हुई थी। यहां ये समझना जरूरी है कि जम्मू कश्मीर को भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। प्रशासन की ओर से हमेशा तैयार रहने की बात भी कही जाती रही है।
पिछले महीने 28 जून को भी इसी तरह शाम के समय झटके महसूस किए गए थे। उस वक्त रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6 दर्ज की गई थी और गहराई करीब 9 किलोमीटर बताई गई थी। तब भी किसी तरह के नुकसान की बात नहीं सामने आई थी।
उधर देश के दूसरे हिस्से अंडमान सागर की बात करें तो वहां भी धरती हिली। भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को वहां 4.9 तीव्रता का भूकंप आया था। इसका केंद्र सागर के मध्य में 10 किलोमीटर गहराई में रहा।
इससे पहले 13 जुलाई को भी अंडमान सागर में भूकंप महसूस किया गया था। उस दिन भी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.7 दर्ज की गई थी और गहराई 10 किलोमीटर बताई गई थी। शाम करीब पौने सात बजे के आसपास झटका आया था। इस इलाके में भी नुकसान की कोई खबर नहीं थी लेकिन लगातार आ रहे भूकंपों से लोगों के मन में हल्की चिंता जरूर बनी हुई है।
