मसूरी में भगवान बलभद्र को समर्पित भद्रराज मंदिर को लेकर इन दिनों माहौल गर्म है। देहरादून जिले के पछवादून इलाके में बसे इस प्राचीन मंदिर में अब दर्शन करने वालों के लिए एक सख्त नियम लागू कर दिया गया है। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को अब पारंपरिक और मर्यादा में रहने वाले कपड़े पहनने होंगे। अगर कोई छोटे या भड़कीले कपड़ों में आता है तो उसे मंदिर के अंदर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी।
मंदिर समिति का साफ कहना है कि अशोभनीय या दिखावटी कपड़ों में आने वालों को परिसर में घुसने नहीं दिया जाएगा। हालांकि अगर कोई गलती से ऐसा पहन कर पहुंच जाता है तो उसे बाहर नहीं निकाला जाएगा। उसे मंदिर की तरफ से धोती दी जाएगी जिसे पहन कर वो दर्शन कर सकता है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष राजेश नौटियाल का कहना है कि ये कोई नया नियम नहीं है। तीन साल पहले ही मंदिर के बाहर एक बोर्ड लगा दिया गया था जिसमें ये बात साफ लिखी गई थी कि छोटे कपड़े पहन कर आने की इजाजत नहीं है। इसके बावजूद हाल के दिनों में कई लोग ऐसे कपड़ों में मंदिर पहुंच रहे थे जो इलाके की संस्कृति और धार्मिक माहौल के हिसाब से ठीक नहीं हैं।
अब मंदिर समिति ने फैसला लिया है कि इस नियम का सख्ती से पालन करवाया जाएगा। नौटियाल ने बताया कि हाफ पैंट मिनी स्कर्ट स्किन टाइट या फटी हुई जींस जैसे कपड़े पहन कर मंदिर आने वालों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
भद्रराज मंदिर मसूरी से करीब दस किलोमीटर दूर एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई सात हजार दो सौ सड़सठ फीट है। ये मंदिर बलराम के नाम से प्रसिद्ध है जिन्हें भगवान कृष्ण के बड़े भाई के रूप में पूजा जाता है। यहां हर साल सोलह और सत्रह अगस्त को बड़ा मेला लगता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
मंदिर समिति की अपील है कि लोग मंदिर की गरिमा को समझें और वहां आने से पहले इस नियम का ध्यान रखें ताकि किसी को असुविधा ना हो और आस्था का माहौल बना रहे।