क्या डायपर पहनाने से बच्चे की किडनी को नुकसान पहुंचता है? जानिए चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. इमरान पटेल ने क्या दी सफाई

अक्सर नए पेरेंट्स अपने बच्चे को डायपर पहनाते हैं ताकि उन्हें बार-बार नैपी बदलने की परेशानी न हो और बच्चा भी आराम महसूस करे। शुरुआती…

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अक्सर नए पेरेंट्स अपने बच्चे को डायपर पहनाते हैं ताकि उन्हें बार-बार नैपी बदलने की परेशानी न हो और बच्चा भी आराम महसूस करे। शुरुआती महीनों में बच्चे कई बार पेशाब या पॉटी कर देते हैं, ऐसे में हर बार कपड़े बदलना आसान नहीं होता। इसलिए ज़्यादातर पेरेंट्स डायपर का सहारा लेते हैं। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि बच्चे को डायपर पहनाने से उसकी किडनी खराब हो जाती है।

इस वायरल दावे पर पीडियाट्रिशन डॉ. इमरान पटेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह दावा पूरी तरह गलत है और लोगों को इस तरह की अफवाहों से डरना नहीं चाहिए। डॉ. पटेल ने कहा कि डायपर से किडनी खराब होने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। किडनी से जुड़ी बीमारियों के कई अन्य कारण हो सकते हैं, लेकिन डायपर उनमें से एक नहीं है।

डॉ. पटेल ने सलाह दी कि डायपर पहनाना या न पहनाना पूरी तरह पेरेंट्स की सुविधा पर निर्भर करता है। लेकिन अगर बच्चा डायपर पहनता है, तो उसे हर दो से तीन घंटे में बदलना ज़रूरी है। इसके अलावा, दिन में कम से कम दो से तीन बार बच्चे को कुछ समय के लिए डायपर-फ्री टाइम देना भी बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा करने से बच्चे की त्वचा को सांस लेने का मौका मिलता है और रैशेज या एलर्जी का खतरा भी कम होता है।

उन्होंने यह भी बताया कि डायपर पहनाने से होने वाली परेशानी तभी होती है, जब उसे लंबे समय तक बदला न जाए या बच्चा किसी खास ब्रांड से एलर्जिक हो। ऐसे मामलों में ही रैशेज या स्किन इंफेक्शन की संभावना रहती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। यह किसी भी तरह से डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है। बच्चे से जुड़ी किसी भी समस्या या देखभाल संबंधी निर्णय से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

अगर आप हाल ही में माता-पिता बने हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। क्योंकि इसमें चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. इमरान पटेल ने बच्चों को डायपर पहनाने को लेकर कुछ ज़रूरी बातें बताई हैं, जो हर पैरेंट के लिए जानना जरूरी है।

अक्सर नए पेरेंट्स अपने बच्चे को डायपर पहनाते हैं ताकि उन्हें बार-बार नैपी बदलने की परेशानी न हो और बच्चा भी आराम महसूस करे। शुरुआती महीनों में बच्चे कई बार पेशाब या पॉटी कर देते हैं, ऐसे में हर बार कपड़े बदलना आसान नहीं होता। इसलिए ज़्यादातर पेरेंट्स डायपर का सहारा लेते हैं। लेकिन हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि बच्चे को डायपर पहनाने से उसकी किडनी खराब हो जाती है।

इस वायरल दावे पर पीडियाट्रिशन डॉ. इमरान पटेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह दावा पूरी तरह गलत है और लोगों को इस तरह की अफवाहों से डरना नहीं चाहिए। डॉ. पटेल ने कहा कि डायपर से किडनी खराब होने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। किडनी से जुड़ी बीमारियों के कई अन्य कारण हो सकते हैं, लेकिन डायपर उनमें से एक नहीं है।

डॉ. पटेल ने सलाह दी कि डायपर पहनाना या न पहनाना पूरी तरह पेरेंट्स की सुविधा पर निर्भर करता है। लेकिन अगर बच्चा डायपर पहनता है, तो उसे हर दो से तीन घंटे में बदलना ज़रूरी है। इसके अलावा, दिन में कम से कम दो से तीन बार बच्चे को कुछ समय के लिए डायपर-फ्री टाइम देना भी बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा करने से बच्चे की त्वचा को सांस लेने का मौका मिलता है और रैशेज या एलर्जी का खतरा भी कम होता है।

उन्होंने यह भी बताया कि डायपर पहनाने से होने वाली परेशानी तभी होती है, जब उसे लंबे समय तक बदला न जाए या बच्चा किसी खास ब्रांड से एलर्जिक हो। ऐसे मामलों में ही रैशेज या स्किन इंफेक्शन की संभावना रहती है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से प्रस्तुत की गई है। यह किसी भी तरह से डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है। बच्चे से जुड़ी किसी भी समस्या या देखभाल संबंधी निर्णय से पहले अपने बाल रोग विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।