अल्मोड़ा से डॉक्टरों का तबादला प्रकरण :विनय किरौला ने डॉक्टरों के तबादले को बताया तुष्टिकरण की नीति

अल्मोड़ा। चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच शनिवार को अल्मोड़ा के रंजना होटल में प्रेस…

Doctors' transfer case from Almora: Vinay Kiraula called the transfer of doctors a policy of appeasement.

अल्मोड़ा। चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच शनिवार को अल्मोड़ा के रंजना होटल में प्रेस वार्ता आयोजित की गई।

प्रेस वार्ता में विनय किरौला ने कहा कि चौखुटिया में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद खराब है, लेकिन सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के बजाय तुष्टिकरण की नीति अपनाते हुए अल्मोड़ा जिला अस्पताल से दो डॉक्टरों को चौखुटिया भेज दिया।


उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि चौखुटिया के लिए नए डॉक्टरों की नियुक्ति करे, न कि अन्य अस्पतालों से ट्रांसफर करके वहां की व्यवस्था बिगाड़े। PHC, CHC, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में पदों को निर्धारित मानकों के अनुसार भरा जाए। विनय किरौला ने कहा कि जनता के भारी दबाव के बाद ही सरकार को डॉक्टरों के तबादले का आदेश वापस लेना पड़ा, जो जनता की एकता और जागरूकता का परिणाम है।


एडवोकेट विनोद तिवारी ने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो नागरिकों को स्वास्थ्य का मूलभूत अधिकार मिला, लेकिन आज भी लोग मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञापनों पर 952 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जबकि वही राशि स्वास्थ्य ढांचे को सुधारने में लगाई जा सकती थी।


प्रेस वार्ता में विनय किरौला, एडवोकेट विनोद तिवारी, यूकेडी जिलाध्यक्ष दिनेश जोशी, महिला जिलाध्यक्ष दीपा जोशी और यूकेडी महानगर अध्यक्ष मोहित साह समेत कई लोग मौजूद रहे।