भारत में Diabetes बढ़ रहा है तेजी से, जानिए 3 बड़ी वजहें और इसके लक्षण

भारत में डायबिटीज अब एक आम बीमारी बनती जा रही है। पहले ये बीमारी सिर्फ बुजुर्गों में देखी जाती थी लेकिन अब 20 से 30…

n6767491841755172699760afd5a0613462e6c58668b04abdaf7af8d57f52111f10e56dcf96feb27ccd09fa

भारत में डायबिटीज अब एक आम बीमारी बनती जा रही है। पहले ये बीमारी सिर्फ बुजुर्गों में देखी जाती थी लेकिन अब 20 से 30 साल के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं जिसकी वजह है खराब खानपान मोटापा और बिना रूटीन वाली लाइफस्टाइल।

इस बीमारी का पता ज़्यादातर लोगों को तब चलता है जब वो शरीर के किसी और अंग में असर देखना शुरू करते हैं। लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में छपी एक स्टडी के मुताबिक भारत में हर 10 में से 4 लोगों को ये नहीं पता कि उन्हें डायबिटीज हो चुकी है।

ये स्टडी साल 2017 से 2019 के बीच की गई थी जिसमें 45 साल से ऊपर के 57810 लोगों को शामिल किया गया था। रिसर्च में सामने आया कि देश में 45 साल से ज्यादा उम्र के करीब 20% पुरुष और महिलाएं डायबिटीज से पीड़ित हैं।

रिपोर्ट कहती है कि शहरों में ये बीमारी गांवों के मुकाबले ज्यादा है। इसकी सबसे बड़ी वजह अनहेल्दी खाना और बैठे रहने वाली आदतें हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि सरकार को ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए जिससे लोगों को इस बीमारी के बारे में समय पर पता चल सके और इलाज भी आसानी से मिल सके।

भारत में 20 से 79 साल की उम्र के लोगों में डायबिटीज के मामले पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं। साल 2019 में देश में हुई कुल मौतों में करीब 3% डायबिटीज के कारण हुई थीं।

हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। शुरुआती स्टेज पर सही इलाज मिल जाए तो दोनों बीमारियों को कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन दिक्कत ये है कि गांवों में अभी भी अस्पताल और दवाइयों की भारी कमी है।

ICMR और WHO के साथ मिलकर रिसर्चर्स ने 7 राज्यों के 19 जिलों में एक सर्वे किया। इसमें देखा गया कि CHC और PHC यानी सरकारी अस्पताल डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए तैयार हैं या नहीं।

सर्वे में पता चला कि सिर्फ 10 में से 4 सब-सेंटर ही इन बीमारियों के इलाज के लिए तैयार थे। 105 सब-सेंटर में से करीब एक-तिहाई के पास मेटफॉर्मिन नहीं थी और 45% सेंटरों में एम्लोडिपिन की भी कमी पाई गई।

डायबिटीज के लक्षणों की बात करें तो ज्यादा प्यास लगना बार-बार पेशाब आना आंखों के सामने धुंध दिखना सिर दर्द थकावट वजन कम होना और चोट या घाव का देर से भरना इसके मुख्य संकेत हैं।

जो लोग इन लक्षणों को हल्के में लेते हैं उनके लिए ये बीमारी धीरे-धीरे दिल किडनी और आंखों पर भी असर डाल सकती है। इसलिए जरूरी है कि समय पर जांच और इलाज कराया जाए।