डेंगू की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग अब अलर्ट मोड पर आ गया है। विभिन्न अस्पतालों के साथ लैब ब्लड बैंकों की शिकायत और इलाज के इंतजामों को लेकर जल्द ही कंट्रोल रूम एक्टिव किया जाएगा। सभी सरकारी और निजी अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए 10 फ़ीसदी बेड पहले ही आरक्षित कर दिए जाएंगे।
सीएमओ डॉ. संजय जैन ने गुरुवार को पत्रकारों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि डेंगू के खतरे से निपटने के लिए एक जुलाई से आशाएं घर-घर सर्वे चला रही हैं। जहां भी लार्वा मिल रहा है, उसे नष्ट किया जा रहा है। माइक्रो प्लान के तहत सतर्कता बढ़ती जा रही है।
आने वाले सोमवार को डीएम इस बारे में बैठक करेंगे। जिसमें कंट्रोल रूम के संचालक पर गौर किया जाएगा उन्होंने बताया कि पिछले साल 1201 डेंगू के मामले सामने आए थे। इस दौरान एसीएमओ डॉ. सीएस रावत, मलेरिया अधिकारी सुभाष जोशी, डॉ. पीयूष अगस्तीन, राकेश बिष्ट, मनीषा बिष्ट, पूजन नेगी मौजूद रहे।
190 स्थानों पर मिला डेंगू का लार्वा :
बताया जा रहा है कि 454 आशाओं ने जिलेभर में गुरुवार को 11428 घरों में अभियान चलाया। इस दौरान 26,884 कंटेनर में लार्वा ढूंढा। 75 जगह लार्वा पाया गया। 40 वॉलंटियर ने भी डेंगू सर्वे शुरू कर दिया है। उन्होंने 115 कंटेनर में लार्वा पाया। उन्होंने 7556 कंटेनर खंगाले थे।
सीएमओ ने लोगों से साफ सफाई का ज्यादा ध्यान रखने की अपील की है। उनका कहना है कि अब तक जिले भर में 500 से ज्यादा जगह डेंगू के लार्वा मिल चुके हैं।इसकी सूचना नगर निगम को भी दी जा चुकी है नगर निगम की ओर से लार्वा मिलने पर प्रति घर पहले 200रु, दोबारा लार्वा मिलने पर ₹500 और व्यवसाय प्रतिष्ठानों से पहले 500 और दोबारा लार्वा मिलने पर ₹2000 का जुर्माना वसूल किया जा रहा है। तीसरी बार लार्वा मिलने पर पांच हजार का चालान किया जाएगा।
कूड़े से उठ रही दुर्गंध से स्कूली बच्चे परेशान
जीजीआईसी कारगी की प्रिंसिपल रश्मि बौंठियाल ने बताया है कि स्कूल के सामने कचड़े का ढेर लगा रहता है। बदबू और गंदगी से छात्राओं और शिक्षिकाओं को क्लास में बैठना मुश्किल हो गया है। बारिश में कीचड़ फैलकर अंदर तक आ रहा है। विभाग कार्रवाई नहीं कर रहे। इधर, मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खन्ना बोले, यदि वहां कूड़े का ढेर है, तो उसे हटवाया जाएगा।
