देहरादून शहर के एक जाने-माने स्कूल के ऑनलाइन सिस्टम में धोखा देने वाले लोगों को उत्तराखंड एसटीएफ ने पकड़ लिया है। ये लोग स्कूल के असली ऐप की नकल बनाकर अभिभावकों को गलत संदेश भेज रहे थे जिससे वे फंसे थे। आरोपियों ने स्कूल के सिस्टम में घुसपैठ करके तीनों शाखाओं के छात्रों का डेटा चुराया और फिर एआई वाली रोबोटिक्स लैब के नाम पर चार हजार नौ सौ नब्बे रुपये की फीस जमा करने को कहा जिससे अभिभावक गलतफहमी में आ गए और पैसे भेज दिए।
स्कूल ने जुलाई महीने में पुलिस को बताया था कि उनके ऐप स्कूल पैड में हैकिंग हुई है जिससे बच्चों और अभिभावकों को झूठे संदेश मिल रहे हैं। ये ऐप स्कूल की हर जानकारी देता है जैसे टाइम टेबल और फीस जमा करने की खबर। आरोपी बिना इजाजत के अंदर घुसे और छात्रों के नाम फोन नंबर समेत लॉगिन डिटेल निकाल ली। इसके बाद उन्होंने फर्जी संदेश भेजे और लोगों को गलत खाते में पैसे जमा करने को कहा।
पुलिस की जांच में पता चला कि ये लोग अलग-अलग बैंक खातों में लाखों रुपये भेजवा रहे थे और इन खातों में सिर्फ कुछ महीनों में करोड़ों की ट्रांजेक्शन हुई है। आरोपी तीनों मोहम्मद रिजवान सुदामा दिवाकर और मोहम्मद फराज बरेली के रहने वाले हैं जिनके खिलाफ कई राज्यों में साइबर ठगी के मामले पहले से दर्ज हैं। इन लोगों ने पहले भी जेल का सामना किया है। पुलिस अब और राज्यों के पुलिस के साथ संपर्क कर रही है ताकि पूरी जांच हो सके।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि ये गिरोह बड़ी चतुराई से काम करता था। उन्होंने स्कूल के ऐप की नकल बनाकर और असली सिस्टम हैक करके लोगों को फंसाया और फीस जमा करने के नाम पर लाखों रुपये ठगे। इस घटना ने स्कूल की प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंचाई है और पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेकर कार्रवाई की है।
