देहरादून: पहाड़ी राज्य उत्तराखंड का देहरादून शहर इन दिनों हवा की गुणवत्ता के मामले में देश के बड़े शहरों से पीछे नहीं रह रहा है। मौसम में ठंड और कोहरे के बढ़ते असर के कारण सुबह और शाम के वक्त शहर की हवा बेहद खराब दर्ज की जा रही है। शहर की साफ-सुथरी हवा की पहचान अब धीरे-धीरे खोती नजर आ रही है और हाल के आंकड़े इसे साबित कर रहे हैं।
दून विश्वविद्यालय के पर्यावरण विभाग के अनुसार 2 दिसंबर की रात देहरादून का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 तक पहुंच गया था, जो बेहद खराब स्थिति को दर्शाता है। इसके अगले दिन, 3 दिसंबर की रात AQI 210 रिकॉर्ड किया गया। देश के अन्य बड़े शहरों की तुलना करें तो प्रयागराज में 130, कानपुर में 114 और पटना में 106 AQI दर्ज हुआ, जिससे देहरादून का प्रदूषण स्तर कहीं अधिक गंभीर नजर आता है।
पर्यावरण विशेषज्ञ प्रोफेसर विजय श्रीधर का कहना है कि शादियों का सीजन और शहर में रात के समय बढ़ी गतिविधियां प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। तंदूर, भट्ठियां और रेस्टोरेंटों से निकलने वाला धुआं, घरों में कचरे का खुले में जलना, बढ़ता ट्रैफिक और बायोमास का जलना शहर में वायु प्रदूषण को गंभीर स्तर तक ले गया है।
इसके अलावा सुबह और शाम के समय हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषण वायुमंडल में स्थिर रहता है। नवंबर और दिसंबर में बारिश न होने से भी हवा साफ नहीं हो पा रही और प्रदूषण की मात्रा लगातार बढ़ रही है। इन सभी कारणों से देहरादून का वायु गुणवत्ता स्तर अब राष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गया है।
