देवभूमि की करुणा:आपदा पीड़ितो के लिए अल्मोड़ा के कलाकार प्रकाश ने बढ़ाया मदद का हाथ

रानीखेत: उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर देवभूमि का हर कोना जश्न में डूबा है, लेकिन इस बार जश्न सिर्फ खुशियों…

Amidst the Uttarakhand disaster, artist Prakash Papnai extends a helping hand through his emotional initiative – “Karuna Kalevar” (Body of Compassion).

रानीखेत: उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 25 साल पूरे होने पर देवभूमि का हर कोना जश्न में डूबा है, लेकिन इस बार जश्न सिर्फ खुशियों का नहीं, बल्कि मानवता और करुणा का भी है। राज्य स्थापना दिवस (9 नवंबर 2025) के इस खास मौके को और भी खास बना दिया है स्वतंत्र कलाकार प्रकाश पपनै की अनूठी ऑनलाइन चित्रकला प्रदर्शनी ने, जिसका नाम है – “करुणा कलेवर – करुणा का रूप लेती कला”।


यह कोई साधारण कला प्रदर्शनी नहीं, बल्कि पहाड़ों की पीड़ा को मरहम लगाने की एक दिल को छू लेने वाली पहल है। रानीखेत के कलाकार प्रकाश पपनै की यह एकल प्रदर्शनी आज से Matrika Art Gallery के डिजिटल मंच पर शुरू हो गई है।


कला की ताकत, आपदा पीड़ितों के नाम!


यह प्रदर्शनी एक महीने तक ऑनलाइन https://matrikaartgallery.in/-online-exhibition दिखाई जाएगी, जिसमें कुल ₹1.37 लाख मूल्य की चुनिंदा और जीवंत पेंटिंग्स शामिल हैं। लेकिन इस प्रदर्शनी का सबसे बड़ा और सबसे प्रेरक पहलू यह है कि यहां बेची गई कलाकृतियों से मिलने वाली रकम का पूरा 80% हिस्सा सीधे उत्तराखंड मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगा।


यह राशि उन परिवारों को समर्पित की जाएगी जो हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यानी, कला खरीदने का मतलब सिर्फ घर की दीवारों को सजाना नहीं, बल्कि पहाड़ के दर्द को बांटना भी है।


जब सृजन सौंदर्य से बढ़कर सहारा बने
कलाकार प्रकाश पपनै अपनी इस पहल पर कहते हैं, “कला मेरे लिए केवल रंगों और रेखाओं का खेल नहीं, बल्कि करुणा का रूप लेती साधना है। जब हमारा पहाड़ और उसके लोग दोनों पीड़ा में हों, तो एक कलाकार का सृजन सिर्फ सुंदर दिखने से आगे बढ़कर, लोगों का सहारा बनना चाहिए।” उनकी इस भावना ने कला प्रेमियों और आम जनता को समान रूप से प्रभावित किया है।


Matrika Art Gallery, जो खुद उत्तराखंड की शांत पहाड़ियों से संचालित होता है, इस नेक काम का मेज़बान बना है। गैलरी का उद्देश्य स्पष्ट है: कला को केवल देखने का माध्यम नहीं, बल्कि बदलाव की एक बड़ी प्रेरणा बनाना। इस रजत जयंती पर कला के माध्यम से करुणा का यह संदेश हर उत्तराखंडी के दिल को छू रहा है।

विवरणजानकारी
प्रदर्शनी का नाम“करुणा कलेवर – करुणा का रूप लेती कला”
शुभारंभ9 नवम्बर 2025 (उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस)
अवधि9 नवम्बर 2025 से 9 दिसम्बर 2025 तक
स्थानऑनलाइन (Matrika Art Gallery का मंच)
कुल मूल्य की कलाकृतियाँ₹1.37 लाख
दान की राशिबिक्री से प्राप्त 80% राशि
दान का उद्देश्यउत्तराखंड मुख्यमंत्री राहत कोष (प्राकृतिक आपदा प्रभावित परिवारों हेतु)