गैरसैंण में चल रहे उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन विपक्ष के लगातार हंगामे की वजह से प्रभावित रहा। आज 19 अगस्त को प्रश्नकाल नहीं हो पाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जो लोग कानून व्यवस्था पर चर्चा करने आए थे, उन्होंने खुद सदन में कानून का उल्लंघन किया और चर्चा की अनुमति नहीं दी।
सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिससे प्रश्नकाल स्थगित करना पड़ा। भोजनावकाश के बाद भी जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान सरकार ने कई विधेयक सदन में पेश किए और बाद में कार्यवाही को चार बजे तक स्थगित कर दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने विपक्ष के इस व्यवहार को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि मानसून और आपदा जैसी कठिन परिस्थितियों के बावजूद सरकार ने सदन में जनता के मुद्दों पर गंभीर बहस कराना चाहा, लेकिन विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर चर्चा के नाम पर ही अराजकता फैलाई। धामी ने कहा कि कांग्रेस ने सदन में लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन किया।
सीएम धामी ने पंचायत चुनावों में भाजपा की जीत का जिक्र करते हुए कहा कि जनता ने जिम्मेदारी सौंपी है और विपक्ष इस वजह से निराश है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव हुए हैं और जहां विपक्ष को जीत मिली वहां भी सरकार ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि हार के बाद वह हमेशा ईवीएम, चुनाव आयोग और प्रशासन पर दोष डालने की आदत दोहराते हैं। धामी ने कहा कि सरकार राज्य को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार है, लेकिन विपक्ष जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाकर भ्रम और अव्यवस्था फैलाने में लगा है।
वहीं कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने कहा कि सरकार की हठधर्मिता चरम पर है। उन्होंने कहा कि लगातार कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ रही हैं और अब विपक्ष इसे सदन में उठाए तो भी सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा। विपक्ष के नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्या के साथ बदसलूकी की गई है। निजामुद्दीन ने कहा कि अगर सरकार जनता की भावनाओं का ध्यान रखती तो अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कड़ा कदम उठाती, लेकिन ऐसा न करके भाजपा खुद नुकसान में है।
