मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वन विभाग के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस दौरान सीएम ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि पौड़ी में मानव -वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं के चलते पौड़ी के डीएफओ को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए।
सीएम ने कहा कि जिन क्षेत्रों में जंगली जानवरों का खतरा बना हुआ है, ऐसे क्षेत्रों में स्कूली बच्चों को स्कूल तक छोड़ने और घर तक लाने के लिए वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा एस्कॉर्ट की व्यवस्था की जाए । मानव-वन्यजीव संघर्ष में किसी परिवार से कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु होने पर उनके परिवार को आर्थिक परेशानियों का सामना न करना, ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग प्रभावित परिवार की आजीविका को सहायता देने के लिए दो सप्ताह के अंदर नीति बनाकर प्रस्तुत की जाए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जिलों में मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए जो भी उपकरणों की जरूरत पड़ रही है उन्हें जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए। कहा सरकार की पहली जिम्मेदारी वन्यजीवों से लोगों के जीवन को बचाया जाए। इसके साथ ही नई तकनीक के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाए। जंगली जानवर आबादी क्षेत्रों में न आये, इसके लिए स्थाई समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाए। वन्यजीवों की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में कैमरों के जरिए लगातार नजर बनाये रखें।
लगातार वन कर्मी निगरानी करे, साथ ही ग्रामीणों के साथ इसको लेकर बातचीत भी करते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा बस्तियों के आस पास जंगली झाडियों को अभियान चलाकर साफ किया जाए।साथ ही बच्चों और महिलाओं को विशेष तौर पर आस पास वन्य जीवों की मौजूदगी को लेकर जागरुक किया जाए।
सीएम धामी ने कहा मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने की कोशिशें जारी है। वन विभाग के साथ ही शासन-प्रशासन के स्तर पर भी इसके लिए प्रयास किये जाए। मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलने के 30 मिनट के अन्दर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचे। इसके अलावा संबंधित डीएफओ और रेंजर की जिम्मेदारी तय की जाये। उन्होंने प्रभावितों को आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराने की बात भी कही है।
