उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं कि जन-जन की सरकार जन-जन के द्वार शिविरों में न पहुंच पाने वाले दिव्यांग, वृद्ध या कमजोर वर्ग के लाभार्थियों के घर जाकर उनकी समस्याएं हल करें।
अपने कार्यालय में अभियान की समीक्षा करते मुख्यमंत्री ने कहा कि आम लोगों की शिकायतों और आवेदनो का निस्तारण केवल कागजी नहीं होना चाहिए बल्कि वास्तविक और प्रभावी भी होना चाहिए और उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
प्रत्येक जिले में फीडबैक आधारित समीक्षा सुनिश्चित की जाए योजनाओं का लाभ पारदर्शिता और गरिमा के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सख्ती से हिदायत दी कि जनसेवा में कोताही करने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि अब तक प्रदेश में 126 शिविरों का आयोजन हो चुका है। इनमें 64, 960 लोगों ने भाग लिया और 10,962 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें 7,952 शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया। इसके साथ ही 12 हजार 399 मामलों में विभिन्न प्रमाण पत्र एवं सरकारी लाभ प्रदान किए गए। विभिन्न योजनाओं से 39 हजार 923 लोगों को लाभान्वित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि सरकार का संकल्प स्पष्ट है जनता को कार्यालय में चक्कर न लगाना पड़े। सरकार स्वयं जनता के घर तक पहुंचेगी। सरकार का लक्ष्य है की अंतिम पंक्ति में खड़ा व्यक्ति भी सरकारी योजनाओं का लाभ ले सके और उसे कोई बाधा का सामना न करना पड़े।
