नई दिल्ली: लोजपा के पांचों बागी सांसदों ने मिलकर चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है और उनके बागी चाचा पशुपति पारस पासवान को नया नेता चुना है। वहीं बागी चाचा पशुपति पारस को मनाने उनके घर पहुंचे चिराग पासवान को एक घंटे के इंतजार के बाद बिना मिले ही लौटना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, आज दोपहर 3 बजे लोजपा के पांचों बागी सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिलेंगे।
सोमवार सुबह चिराग पासवान अपने बागी चाचा पशुपति पारस को मनाने उनके घर पहुंचे थे, लेकिन भतीजे के आने से पहले ही चाचा घर से निकल गए। चाचा-भतीजे के रिश्ते में दूरियां इतनी बढ़ गईं कि चाचा पारस के घर का दरवाजा भी उनके लिए नहीं खुला। चिराग पासवान बाहर ही अपनी गाड़ी में बैठकर करीब 20 मिनट तक इंतजार करते रहे। उसके बाद घर का दरवाजा खोला गया। घर में एक घंटे तक इंतजार करने के बाद भी चिराग पासवान को चाचा से बिना मिले ही लौटना पड़ा।
इससे पहले, पार्टी में चल रही उठापटक के बीच सोमवार को पशुपति पारस ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं बचाया है। साथ ही कहा कि उन्हें चिराग पासवान से कोई नाराजगी नहीं है, अगर वे चाहें तो पार्टी में रह सकते हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हो गई है। इसे लेकर पशुपति पारस ने सोमवार को कहा कि हमारे भाई चले गए, हम बहुत अकेला महसूस कर रहे हैं। भाई के जाने के बाद पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गई, तब सभी को उम्मीद थी कि वर्ष 2014 की तरह इस बार भी हम एनडीए के साथ बने रहें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी, असमाजिक तत्व आ रहे थे, एनडीए से गठबंधन को तोड़ दिया और कार्यकर्ताओं की नहीं सुनी गई।

