उत्तराखंड में खराब मौसम और लगातार बारिश की वजह से 1 से 5 सितंबर तक चार धाम यात्रा को स्थगित कर दिया गया था लेकिन आज 6 सितंबर से फिर से चार धाम यात्रा का पंजीकरण और संचालन शुरू हो गया है।
भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि मौसम में सुधार और बारिश में कमी होने की वजह से उत्तराखंड सरकार ने यह निर्णय लिया है। गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया की यात्रा मार्गों पर सुरक्षा सुनिश्चित होने के बाद यह कदम उठाया गया है लेकिन फिर भी यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी सावधानियां रखने की जरूरत है।
आपको बता दे की चार धाम यात्रा जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के मंदिर शामिल है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं लेकिन बीते काफी दिनों से भारी बारिश की वजह से यात्रा में काफी बाधाएं आ रही थी जिसके चलते 1 सितंबर से यात्रियों को अस्थाई रूप से रोक दिया गया था लेकिन अब मौसम विभाग ने पिछले 24 घंटे में बारिश में कमी बताई है और केवल पिथौरागढ़ और चमोली के सामान्य से अधिक बारिश होना बताया है।
अन्य जिलों जैसे रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और टिहरी गढ़वाल में बारिश की कमी देखी गई जिससे यात्रा फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया।
उत्तराखंड सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बताया जो की 2014 के केदारनाथ बाढ़ के बाद लागू किया गया। श्रद्धालु ऑनलाइन व्हाट्सएप या हरिद्वार और ऋषि के जैसे पंजीकरण काउंटर के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं।
पंजीकरण के बाद प्राप्त क्यूआर कोड यात्री परमिट के रूप में कार्य करता है जो चारों धाम में प्रवेश के लिए जरूरी है। सरकार ने जीपीएस आधारित निगरानी प्रणाली भी लागू की है जो यात्रियों की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करती है।
हालांकि मौसम में सुधार हुआ है, लेकिन 256 से अधिक सड़कें भूस्खलन के कारण अभी भी अवरुद्ध हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम अपडेट और सड़क की स्थिति की जांच करें।
उत्तरकाशी में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध है, सिवाय आपातकालीन सेवाओं के। हेलीकॉप्टर सेवाएं भी सहस्त्रधारा सहित सभी हेलीपैड से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं।
