मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां दस बच्चों की मौत के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि जिन बच्चों की जान गई उन्होंने Coldrif नाम की खांसी की सिरप पी थी। सिरप पीने के कुछ घंटे बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और देखते ही देखते एक के बाद एक बच्चों की मौत होती चली गई।
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है और डॉक्टर प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर बिना अनुमति के बच्चों को यह सिरप देने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि इस सिरप को देने के पीछे श्रीसन फार्मास्यूटिकल कंपनी की भी भूमिका है। इसी वजह से कंपनी और डॉक्टर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। डॉक्टर सोनी पर बीएनएस 276 और बीएनएस 105 के साथ औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम की धारा 27ए के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। फिलहाल पुलिस डॉक्टर से पूछताछ कर रही है लेकिन उन्हें कहां रखा गया है यह जानकारी सामने नहीं आई है।
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। टीम जल्द ही चेन्नई जाएगी जहां से यह सिरप बनाई गई थी। माना जा रहा है कि फार्मा कंपनी के कई अफसरों की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है। जांच में सामने आया है कि मरने वाले सभी बच्चे पांच साल से छोटे थे और उनकी मौत Acute Kidney Injury यानी एकेआई की वजह से हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि यह दवा पीने के बाद उनके गुर्दे ने काम करना बंद कर दिया था।
अब तक दस बच्चों की जान जा चुकी है जबकि तीन और बच्चे नागपुर के अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। एसडीएम शुभम कुमार यादव ने बताया कि चार सितंबर से अब तक नौ बच्चों की मौत दर्ज की गई है और तेरह बच्चे अभी भी इलाज के अधीन हैं।
राष्ट्रीय संस्थानों की रिपोर्ट में कहा गया है कि मौतों की वजह पानी या किसी संक्रमण से जुड़ी बीमारी नहीं है। सभी मामलों में Coldrif सिरप का इस्तेमाल पाया गया है। यही वजह है कि जांच एजेंसियों ने अब इस सिरप को मौत का कारण माना है।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया है। उन्होंने कहा है कि पूरे प्रदेश में Coldrif सिरप की बिक्री पर तुरंत रोक लगा दी गई है। साथ ही कंपनी के बाकी उत्पादों पर भी प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ऐसी लापरवाही दोबारा न हो। सरकार ने तमिलनाडु की फैक्ट्री की जांच कराने के आदेश दे दिए हैं और मृत बच्चों के परिवारों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया है।
