आरटीई योजना में खुला बड़ा खेल, बच्चों के दाखिले के लिए अभिभावकों ने लगाए जाली आय प्रमाण पत्र

हल्द्वानी में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बड़ा खुलासा हुआ है जहां कुछ अभिभावकों ने अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए जाली दस्तावेजों…

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हल्द्वानी में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बड़ा खुलासा हुआ है जहां कुछ अभिभावकों ने अपने बच्चों का दाखिला कराने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया है। जांच में सामने आया है कि कुल सत्रह बच्चों के माता पिता ने आय प्रमाण पत्र गलत तरीके से बनवाकर निजी स्कूलों में प्रवेश लेने की कोशिश की।

इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी तारा सिंह ने हल्द्वानी कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराई है जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले पूरे मामले की तहकीकात की जाएगी और उसके बाद ही मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि आरटीई योजना का लाभ लेने के लिए कई अभिभावक फर्जी कागज लगा रहे हैं। जब दस्तावेजों की छानबीन की गई तो साफ हुआ कि सत्रह अभिभावकों ने आय का जाली प्रमाण पत्र इस्तेमाल किया है।

इस फर्जीवाड़े के बाद एसडीएम राहुल शाह ने तहसीलदार को आदेश दिया कि मामले में मुकदमा दर्ज कराया जाए। तहसीलदार ने खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। जिसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से अनुमति लेकर कोतवाली में तहरीर दे दी। फिलहाल पुलिस तहरीर के आधार पर जांच कर रही है।

हल्द्वानी कोतवाली प्रभारी राजेश यादव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और पूरी जांच पूरी होने के बाद मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

गौर करने वाली बात है कि आरटीई अधिनियम गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाई से जोड़ने के लिए बनाया गया है। इस कानून के तहत हर निजी स्कूल में पहली कक्षा में पच्चीस फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं। कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई का पूरा खर्च सरकार उठाती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए परिवार की वार्षिक आय सीमा पचपन हजार रुपये तय है। इसके बावजूद कुछ अभिभावकों ने गलत प्रमाण पत्र लगाकर इस योजना का फायदा उठाने की कोशिश की।

जांच के बाद अब शिक्षा विभाग ऐसे अभिभावकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।