यूपीसीएल में बड़ा खुलासा: जूनियर इंजीनियर ने पत्नी के नाम पर बनाई कंपनी, खुद ही ले लिया स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका

उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां देहरादून अर्बन मीटर टेस्ट डिवीजन में तैनात जूनियर इंजीनियर ने नियमों की…

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उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां देहरादून अर्बन मीटर टेस्ट डिवीजन में तैनात जूनियर इंजीनियर ने नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपनी ही पत्नी के नाम से कंपनी खड़ी कर दी और उसी कंपनी के ज़रिए अपने कार्यक्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका ले लिया। यह ठेका उस कंपनी से सबलेट के रूप में लिया गया, जिसे यूपीसीएल ने आधिकारिक रूप से स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य सौंपा था।

जैसे ही यह मामला यूपीसीएल मैनेजमेंट के संज्ञान में आया, तुरंत मुख्य अभियंता गढ़वाल को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी देहरादून अर्बन और ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रही थी और जब यूपीसीएल मुख्यालय ने मूल कंपनी को देरी को लेकर कई बार नोटिस दिए, तब जाकर इस पूरे मामले की परतें खुलीं।

मैनेजमेंट को तब झटका लगा, जब पता चला कि कार्रवाई की धमकी जिनके खिलाफ दी जा रही थी, असल में वही काम विभाग के अंदर का कर्मचारी अपनी पत्नी के नाम पर करवा रहा था। इस गंभीर मामले में अधिशासी अभियंता ने संबंधित जूनियर इंजीनियर से जवाब मांगा, लेकिन उसने कोई सफाई नहीं दी। इसके बाद भी जब एसई स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो मामला मुख्यालय तक पहुंचा और अब उच्च स्तरीय जांच की जा रही है।

यह कोई पहला मामला नहीं है, जब ऊर्जा निगम के कर्मचारियों ने अपने पद का फायदा उठाते हुए निजी लाभ उठाने की कोशिश की हो। इससे पहले भी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में सरकारी सब्सिडी पाने के चक्कर में विभागीय इंजीनियरों और उरेडा के अधिकारियों ने खुद या अपनी पत्नियों के नाम पर सोलर प्लांट लगवा लिए थे। जब मामला शासन तक पहुंचा तो प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने साफ निर्देश दिए थे कि ऐसे किसी भी प्लांट को सब्सिडी नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी हिदायत दी थी कि जो भी इस तरह की धोखाधड़ी करता पकड़ा जाएगा, उससे वसूली की कार्रवाई सख्ती से की जाएगी।

इस पूरे प्रकरण ने यूपीसीएल में चल रहे ठेकेदार और विभागीय सांठगांठ के खेल की एक और परत उजागर कर दी है, जिससे विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।