दुनियाभर में अंडे खाए जाते हैं और यह पोषण से भरपूर खाद्य पदार्थ है। लेकिन इन दिनों अंडों को लेकर विवाद उभर गया है। बताया जा रहा है कि अंडों में नाइट्रोफुरंटोइन नामक तत्व पाया जा रहा है, जो सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है।
अंडे पूरी दुनिया में खाए जाते हैं और इन्हें सुपरफूड माना जाता है क्योंकि इनमें शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। लेकिन हाल ही में अंडे खाने को लेकर बहस छिड़ गई है। इसकी वजह यह दावा है कि अंडों में नाइट्रोफुरंटोइन (Nitrofurans) नामक प्रतिबंधित एंटीबायोटिक के अवशेष हो सकते हैं।
इस खबर के बाद भारत की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा संस्था FSSAI ने अपने सभी कार्यालयों को निर्देश दिए हैं कि वे ब्रांडेड और बिना ब्रांड वाले दोनों तरह के अंडों के सैंपल इकट्ठा करें। इन सैंपल्स की जांच 10 अलग-अलग लैब में कराई जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि अंडों में नाइट्रोफुरंटोइन मौजूद है या नहीं।
विवाद की शुरुआत
यह पूरा मामला एक प्रसिद्ध अंडा ब्रांड एगोज़ (Eggoz) से जुड़ा है। एक ऑनलाइन रिपोर्ट में अंडों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए गए और आशंका जताई गई कि इनमें नाइट्रोफुरंटोइन के अवशेष हो सकते हैं। इसके बाद सोशल मीडिया और आम लोगों के बीच बहस शुरू हुई, जिससे नियामक एजेंसियों की भी नजर इस पर गई।
नाइट्रोफुरंटोइन क्या है और क्यों खतरनाक है
नाइट्रोफुरंटोइन एंटीबायोटिक्स का एक समूह है, जिसे खाने योग्य जानवरों में इस्तेमाल करने पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पोल्ट्री फार्मिंग में इन दवाओं का गैरकानूनी इस्तेमाल किया जाए, तो इसके अवशेष अंडों में पहुंच सकते हैं। यही कारण है कि FSSAI ने पूरे देश में सैंपलिंग और जांच का आदेश दिया है।
नाइट्रोफुरंटोइन के साइड इफेक्ट्स
NHS के अनुसार, नाइट्रोफुरंटोइन के आम साइड इफेक्ट्स में मतली, उल्टी, दस्त, भूख कम लगना, सिरदर्द और चक्कर या नींद जैसा महसूस होना शामिल है।
गंभीर लक्षण
कुछ लोगों में पेशाब का रंग गहरा पीला या भूरा हो सकता है। इसके अलावा तेज खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सांस लेते समय दर्द, बुखार, खून या बलगम वाली खांसी, आंखों या त्वचा का पीला पड़ना, बिना वजह खून बहना या नील पड़ना, बहुत तेज सिरदर्द या कमजोरी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
एगोज़ का बयान
विवाद सामने आने के बाद एगोज़ कंपनी ने कहा कि उनके अंडे पूरी तरह सुरक्षित हैं। कंपनी ने बताया कि लैब रिपोर्ट उनकी वेबसाइट पर सभी के लिए उपलब्ध है। जांच में उनके अंडों में किसी भी तरह के प्रतिबंधित एंटीबायोटिक, कीटनाशक या दवाओं के अवशेष नहीं पाए गए।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनी
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह मामला सिर्फ एक ब्रांड तक सीमित नहीं है। पोल्ट्री इंडस्ट्री में एंटीबायोटिक्स के गलत इस्तेमाल की समस्या गंभीर बनी हुई है। सर गंगा राम अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर चिंतामणि के अनुसार, नाइट्रोफुरंटोइन पर दुनियाभर में प्रतिबंध है क्योंकि इसके अवशेष अंडों में पकाने के बाद भी बने रह सकते हैं। लंबे समय तक ऐसे अंडों का सेवन करने से जेनेटिक नुकसान, कैंसर और लिवर व किडनी को नुकसान हो सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा डॉक्टर से संपर्क करें। उत्तरा न्यूज इसकी सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता।
