एशिया कप राइजिंग स्टार के सेमीफाइनल में रोमांच , इंडिया ए और बांग्लादेश ए का मुकाबला आखिरी गेंद तक पहुंचा
एशिया कप राइजिंग स्टार के सेमीफाइनल में इंडिया ए और बांग्लादेश ए के बीच हुआ मुकाबला ऐसा रहा कि मैदान पर मौजूद हर व्यक्ति की सांसें अटक गईं। मैच का नतीजा तय होने से पहले दोनों टीमों ने ऐसा खेल दिखाया कि आखिर में मुकाबला टाई पर आकर रुक गया। आखिरी ओवर में इंडिया ए को चार रन जुटाने थे , लेकिन दबाव में हुई चूक का फायदा उठाकर भारतीय बल्लेबाजों ने तीन रन पूरा कर लिया , और मुकाबला बराबरी पर खत्म हो गया। इसके बाद नतीजा तय करने के लिए मैच सुपर ओवर में गया।
बांग्लादेश ए ने पहले खेलते हुए वेस्ट एंड इंटरनेशनल स्टेडियम दोहा में 20 ओवर में 194 रन बना दिए। शुरुआत में उनके बल्लेबाजों ने तेजी से रन निकाले। हबीबुर रहमान ने 46 गेंद पर 65 रन ठोक दिए , और उनके साथ जीशान आलम ने भी सिर्फ 14 गेंद पर 26 रन जोड़कर टीम को खुली शुरुआत दे दी। हालांकि बीच के ओवर आते आते इंडिया ए के गेंदबाजों ने कसी हुई लाइन से मैच को मोड़ दिया , और 16 ओवर के आसपास बांग्लादेश ए के छह बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे , और स्कोर 130 रन पर अटक गया था।
इसी बीच मेहरोब हसन ने पूरी तस्वीर बदल दी। उन्होंने 18 गेंद पर 48 रन उड़ा दिए , जिसमें छह छक्के और एक चौका शामिल रहा। उनकी यह तेज तर्रार पारी बांग्लादेश ए को बड़े स्कोर तक खींच ले गई। इंडिया ए की तरफ से गुरजपनीत सिंह ने दो विकेट लिए , और सुयश शर्मा ने बेहद किफायती गेंदबाजी करते हुए अपने चार ओवर में सिर्फ 17 रन खर्च किए।
जवाब में भारतीय टीम ने भी शुरुआती ओवरों में जोरदार शुरुआत की। 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने आते ही तूफानी अंदाज में रन बरसाना शुरू कर दिया , और पहले ओवर में ही 19 रन निकाल लिए। वैभव ने लगातार सिक्स जड़कर बांग्लादेश के गेंदबाजों को शुरुआती दबाव में डाल दिया , और तीन ओवर पूरे होते होते इंडिया ए 50 रन के पास पहुंच गई। वैभव के आउट होने के बाद प्रियांश आर्या ने रफ्तार थामने नहीं दी , और टीम को 98 रन तक ले गए।
तीन विकेट गंवाने के बाद कप्तान जितेश शर्मा ने नेहाल वढेरा के साथ मिलकर पारी को संभाला , और दोनों ने स्कोर को 150 पर पहुंचाया। इसी बीच जितेश आउट हो गए , और इसके बाद बांग्लादेश ए ने दोबारा मैच में वापसी कर ली। आखिरी ओवर में भारत को 16 रन की जरूरत थी , और आशुतोष शर्मा ने लगातार एक छक्का और एक चौका लगाकर मैच को रोमांचक बना दिया। पांचवीं गेंद पर वह बोल्ड हो गए , और आखिरी गेंद पर मामला पूरी तरह दांव पर था।
अंतिम गेंद पर हर्ष दुबे ने गेंद खेलकर दो रन लेने की कोशिश की। गेंद सीधी फील्डर के हाथ में गई , मगर रन आउट का मौका गवां दिया गया , जिससे भारतीय बल्लेबाज तीसरा रन पूरा कर पाए , और मैच बराबरी पर छूट गया। इस तरह मुकाबला सुपर ओवर में पहुंचा , और सेमीफाइनल का रोमांच अपने चरम पर जा पहुंचा।
