सर्दियां शुरू होते ही लोगों की सेहत पर असर दिखने लगता है और हर साल की तरह इस बार भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी है या फिर बीपी, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उनके लिए यह मौसम ज्यादा खतरा लेकर आता है। ठंड में शरीर का तापमान गिरते ही दिल पर दबाव बढ़ जाता है और वही दबाव कई बार बड़ी परेशानी बन जाता है।
ऐसे समय में डॉक्टर लगातार यह सलाह देते हैं कि अपनी दिनचर्या और खानपान पर थोड़ा ध्यान देने के साथ इमरजेंसी के लिए भी हमेशा तैयार रहना चाहिए। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ साकेत गोयल ने बताया कि एक साधारण सी गोली, जिसकी कीमत मुश्किल से 20 से 40 पैसे होती है, हार्ट अटैक के दौरान मौत का खतरा करीब 28 प्रतिशत तक कम कर सकती है। यह वही असर दिखाती है जो अस्पतालों में दिए जाने वाले इंजेक्शन से मिलता है।
सर्दियों में हार्ट अटैक के मामलों के बढ़ने की एक बड़ी वजह यह है कि ठंड में नसें सिकुड़ जाती हैं। इस वजह से ब्लड प्रेशर ऊपर चला जाता है और दिल को ब्लड पंप करने में ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। जिन लोगों को पहले से दिल से जुड़ी शिकायतें होती हैं, उनके लिए यह मौसम और भारी पड़ जाता है। अक्सर ऐसे मरीजों में सीने में जकड़न, दोनों हाथों में दर्द, छाती में जलन, तेज पसीना और जबड़े में खिंचाव जैसे लक्षण नजर आते हैं।
डॉ साकेत के अनुसार ऐसी किसी भी स्थिति में सबसे पहले डिस्प्रिन यानी एस्पिरिन की एक गोली तुरंत ले लेनी चाहिए। इसे चबाकर खाना होता है और फिर पानी पी लेना चाहिए। यह गोली किसी भी इमरजेंसी में तुरंत असर दिखाती है और इसे लेने से कोई नुकसान भी नहीं होता। यहां तक कि जिन्हें गैस या एसिडिटी की समस्या होती है, वे भी इसे बिना डर के ले सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह साधारण सी गोली दिल का दौरा पड़ने पर जान बचाने की संभावना को काफी बढ़ा देती है।
हालांकि गोली लेने के बाद सबसे जरूरी है कि मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाया जाए। दिल से जुड़े किसी भी मामले में समय बहुत अहम होता है। इसलिए जितना जल्दी हो सके, अस्पताल पहुंचकर ईसीजी कराना और हार्ट स्पेशलिस्ट को दिखाना जरूरी है। डॉक्टरों का साफ कहना है कि शुरुआती कुछ मिनट ही किसी की जिंदगी बचाने में सबसे ज्यादा मायने रखते हैं।
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