भारत में सोने की कीमतो इस वर्ष 2025 में तेजी से वृद्धि हुई है। शुक्रवार, 26 दिसंबर को 100 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत में 58,000 रुपये और 10 ग्राम की कीमत में 5,800 रुपये की बढ़ गई है।
क्रिसमस के ठीक एक दिन बाद शुक्रवार को सोने की कीमतों में इस कदर बढ़ोतरी हुई कि हाई लेवल पर पहुंच गई।
इस दौरान सोना सबसे सस्ता हैदराबाद में 1,40,020 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिका। वहीं, सबसे महंगा चेन्नई में 1,40,620 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिका। सोने में बढ़ोतरी आम इंसान को दूर कर रही है। हालांकि, एक रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि कीमतों में इस उछाल के बावजूद भी लोगों ने सोना खरीदना कम नहीं किया है। लोगों ने सोना खरीदने का अब एक नया तरीका ढूंढ़ दिया है।
दरअसल, लोग अब 22 कैरेट शुद्ध सोने की जगह 14 और 18 कैरेट के सोने को प्रॉयरिटी देने लगे हैं, इससे इस सोने का इस्तेमाल पहले सिर्फ डायमंड की ज्वेलरी के लिए किया जाता था। इसी बदलाव के साथ ज्वेलरी मार्केट में एक नए ट्रेंड ने दस्तक दे दी है। पहले 14 और 18 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल हीरे जड़े गहनों में होते थे क्योंकि ये मजबूत और टिकाऊ होते थे। इससे अंगूठी जैसे बाकी गहनों में हीरे मजबूती से टिके रहते हैं और आसानी से टूटती या मुड़ती नहीं है। हालांकि, अब सोने की बढ़ती कीमतों के बीच लोगों ने इन्हें खरीदना और बेचना शुरू कर दिया है।
मनीकंट्रोल की रिपोर्ट की माने तो अहमदाबाद ज्वैलर्स एसोसिएशन का कहना है कि साल 2025 की शुरुआत में सोने की कीमत 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब 1.42 लाख तक पहुंच गया है। दो साल पहले तक शादियों में बनाए जाने वाले गहनों में 22 कैरेट गोल्ड की हिस्सेदारी 75 परसेंट थी, जो अब घटकर 50 परसेंट रह गई है।
बाजार के जानकारों ने बताया कि आने वाले समय में सोने की सोने की बढ़ती कीमतों के बीच 14-18 कैरेट की डिमांड बनी रहेगी क्योंकि बढ़ी हुई कीमतों के बीच सभी के लिए 22 कैरेट सोने के गहनों की खरीदारी करना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं होगा। इसलिए अब 14 से 18 कैरेट गोल्ड विकल्प बनकर उभर रहा है।
इस बीच, कोटक महिंद्रा AMC के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह ने कहा है कि सोने और चांदी में पिछले कुछ समय से चली आ रही यह तेजी 2026 में जारी नहीं रहेगी। हालांकि, आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है. ET NOW के साथ हुई बातचीत में नीलेश शाह ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न के लिए एसेट एलोकेशन के ‘धर्म’ का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “कीमती धातुओं में हमने जिस तरह की तेजी देखी है, 2026 में उसके दोहराए जाने की संभावना नहीं है। हालांकि, सेंट्रल बैंक की खरीदारी और चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों से, सोने और चांदी दोनों के लिए आउटलुक पॉजिटिव बना हुआ है।
