नशे के खिलाफ स्कूलों में बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है। उत्तराखंड के स्कूलों पर अब हर छात्र का एंटी ड्रग मेडिकल टेस्ट किया जाएगा। हर स्कूल में एक एंटी ड्रग कमेटी भी बनेगी। स्कूल के स्तर पर छात्रों की गोपनीय समिति भी बनाई जाएगी।
नशा और उसके दुष्प्रभावों पर आधारित पाठ्यक्रम भी बनाया जाएगा। मुख्य सचिव ने शिक्षा को नशे के खिलाफ कार्य योजना बनाने के आदेश दिए हैं। इस कार्य योजना को लागू करने के साथ ही हर तिमाही समीक्षा की व्यवस्था भी की गई थी। शिक्षा विभाग में नशे को खत्म करने के लिए पूरी योजना बनाई है और हर महीने अभियान चलाकर प्रत्येक स्कूल के छात्र का मेडिकल टेस्ट भी करवाया जाएगा।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से भी मदद मांगी गई है। स्वास्थ्य विभाग की टीम में स्कूल स्तर पर जांच करेगी या एक तरीके से एंटी ड्रग मेडिकल जांच है। हर स्कूल में एक कमेटी का गठन भी किया जाएगा। यह कमेटी नशे के खिलाफ प्रभावी कदम उठाने के साथी छात्रों से संवाद और नशे को लेकर आने वाली शिकायत की सुनवाई स्कूल स्तर पर करेगी।
शिक्षा विभाग नशे के खिलाफ जागरूकता को लेकर पाठ्यक्रम भी तैयार कर रहा है। यह सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से छात्रों को पढ़ाया जाएगा। इसके तहत नशे के दुष्प्रभाव और जागरूकता को लेकर छात्रों को बताया जाएगा।
बताया जा रहा है कि विभिन्न स्कूलों में छात्रों की गोपनीय समिति भी बनाई जाएगी। यह छात्रों की गोपनीयता को बनाए रखेगी। यह छात्रों के बीच नशे की स्थिति की जानकारी एंटी ड्रग कमेटी को देगी।
गोपनीय समिति में शामिल छात्र स्कूल में अपने साथियों पर लगातार नजर रखेंगे। नशे में किसी भी तरह की सूचना आने पर उसे गोपनीय तरीके से कमेटी तक पहुंचाया जाएगा।
