19 Nov, 2025 3:36 PM
देश में इस समय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। लोग पहले जिन कामों में घंटों लगा देते थे, वही काम AI की मदद से अब कुछ ही मिनटों में पूरे हो जाते हैं। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो इसे इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उन्हें इसके बारे में सही ट्रेनिंग नहीं मिल पाई है। कई कंपनियों ने इसे आम जनता के लिए फ्री में उपलब्ध कराया है, लेकिन इसके बावजूद लोग इसे सीख नहीं पाते। इसी कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने अब बड़ा कदम उठाया है।
भारत सरकार ने ‘YUVA AI for ALL’ नाम से एक नई पहल शुरू की है। यह एक राष्ट्रीय स्तर का फ्री AI कोर्स है जिसका मकसद है कि कम से कम एक करोड़ लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बुनियादी समझ देकर आगे के समय के लिए तैयार किया जाए। यह छोटा सा कोर्स भारत की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है और इसमें AI के सुरक्षित और जिम्मेदार इस्तेमाल पर खास ध्यान दिया जाएगा। इस कोर्स को पूरा करने पर सरकार की तरफ से एक आधिकारिक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जो आगे काम आ सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने IndiaAI मिशन के तहत इसे लॉन्च किया है। यह अपनी तरह का पहला ऐसा फ्री कोर्स है जो हर वर्ग के लोगों के लिए रखा गया है। चाहे छात्र हों, नौकरीपेशा लोग हों या फिर बिजनेस करने वाले, हर कोई इसे अपने अनुसार कर सकता है। यह ट्रेनिंग लगभग चार से पांच घंटे की होगी और इसमें बताया जाएगा कि AI कैसे काम करता है और दुनिया में किस तरह बड़े बदलाव ला रहा है। इसके साथ ही इसकी मदद से लोग यह भी सीख पाएंगे कि वे अपने रोजमर्रा के कामों में इसे किस तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह कोर्स फ्यूचर स्किल्स प्राइम, आई गॉट कर्मयोगी और कई अन्य एड-टेक प्लेटफॉर्म्स पर फ्री में उपलब्ध है। इसे पूरा करने वाले हर व्यक्ति को केंद्र सरकार की तरफ से सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस ट्रेनिंग में AI की बुनियादी जानकारी से लेकर भारत में हो रहे इसके वास्तविक इस्तेमाल तक सब कुछ समझाया जाएगा। यह भी बताया जाएगा कि आने वाले समय में AI किस तरह नए अवसर पैदा करने वाला है और इसका सुरक्षित तरीके से उपयोग कैसे करना चाहिए।
सरकार की योजना है कि इस पहल के जरिए एक करोड़ लोगों को AI की ट्रेनिंग देकर देश के हर हिस्से में तकनीक से जुड़ी समझ बढ़ाई जाए। इस मिशन का मकसद है कि भारत अपनी खुद की AI तकनीक को मजबूत करे, गांवों तक डिजिटल विकास पहुंचाए और युवाओं को आने वाले समय की जरूरतों के लिए तैयार किया जा सके।
