अल्मोड़ा: दशकों से विनियमितिकरण की मांग कर रहे वन श्रमिकों का विनियमितिकरण तो नहीं हुआ, मंहगाई भत्ता भी रुका

कुमाऊं वन श्रमिक संघ की कार्यकारिणी बैठक में उठी आवाज़ अल्मोड़ा: दीनदयाल पार्क अल्मोड़ा में कुमाऊं वन श्रमिक संघ की कार्यकारिणी बैठक आयोजित की गई।…

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कुमाऊं वन श्रमिक संघ की कार्यकारिणी बैठक में उठी आवाज़

अल्मोड़ा: दीनदयाल पार्क अल्मोड़ा में कुमाऊं वन श्रमिक संघ की कार्यकारिणी बैठक आयोजित की गई।


जिसमें वन श्रमिकों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में विभाग और शासन की कार्यप्रणाली पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा गया कि वन श्रमिक चार दशकों से लगातार कार्यरत हैं, लेकिन अब तक उनका विनियमितिकरण नहीं किया गया है।


वन श्रमिकों ने बताया कि नवम्बर 2023 तक वन श्रमिकों को न्यूनतम वेतन के साथ महंगाई भत्ता दिया जा रहा था, किंतु शासन द्वारा इसे रोक दिया गया है, जो कि न्यायालय के आदेशों की अवहेलना है। कई श्रमिकों को अब तक न्यूनतम वेतनमान भी प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि वे 10 से 12 वर्षों से लगातार कार्य कर रहे हैं।


बैठक में यह भी बताया गया कि वन श्रमिकों को वर्षों से मात्र 1184 रुपया बोनस दिया जा रहा है, जबकि शासन द्वारा 4500 रुपया बोनस देने की घोषणा की गई थी।
श्रमिकों ने कहा कि वे अग्निकाल, वन्यजीव संघर्ष और बंदर बंध्याकरण जैसे कठिन कार्यों में लगातार सेवाएँ दे रहे हैं, फिर भी उन्हें उचित पारिश्रमिक नहीं मिल पा रहा है।


वक्ताओं ने शासन से मांग की कि वन श्रमिकों का वरीष्ठता के आधार पर विनियमितिकरण, महंगाई भत्ता सहित वेतनमान की बहाली तथा बोनस भुगतान शासनादेश के अनुरूप 4500 किया जाए।
संघ ने चेतावनी दी कि यदि शासन ने शीघ्र ही वन श्रमिकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को विवश होंगे।


बैठक में उत्तम सिंह राणा, शिवराज सिंह,चंदन सिंह, हरीश चन्द्र सिंह, राजेन्द्र सिंह पूना, गणेश लाल, रमेश सिंह बिष्ट, धन सिंह बिष्ट, दिवान सिंह, भगवती भट्ट, ममता आधिकारी, अनुज कुमार, खिलानन्द भट्ट, ईश्वर सिंह भाकुनी, श्याम कुमार, गोविन्द सिंह मिह, कैलाश चन्द्र भट्ट, निशा पांडे, सुमन भण्डारी, दीपिका जोशी, जयपाल सिंह राणा, गंगा लाल, दिनेश चन्दोला, पूरन सिंह नेगी एवं उत्तम सिंह सहित कुमाऊँ वन श्रमिक संघ के अन्य सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित रहे।