अल्मोड़ा स्थित सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विधि विभाग में उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना और कथित प्रशासनिक प्रताड़ना का मामला सामने आया है। विधि विभाग में कार्यरत अतिथि व्याख्याता ने कुलपति को ज्ञापन सौंपते हुए विभागीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि 11 दिसंबर 2025 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में 12 दिसंबर को संबंधित अतिथि व्याख्याता विश्वविद्यालय कुलसचिव कार्यालय में उपस्थित हुईं। उन्होंने पदभार ग्रहण से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए और संबंधित विभागाध्यक्ष के निर्देशानुसार उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आरोप है कि इसके बावजूद अगले ही दिन, 13 दिसंबर को जब अतिथि व्याख्याता विभाग पहुंचीं, तो उनके कार्यालय कक्ष में ताला बदला हुआ पाया गया, जिसकी चाबी उन्हें नहीं दी गई। यह स्थिति 15 दिसंबर तक भी बनी रही, जिससे उन्हें कार्य करने में बाधा उत्पन्न हुई।
अतिथि व्याख्याता प्रियंका का कहना है कि विभागाध्यक्ष और अन्य अधिकारियों द्वारा की जा रही इस कार्रवाई से न केवल मानसिक उत्पीड़न हो रहा है, बल्कि यह उच्च न्यायालय के आदेशों की अवमानना भी है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूर्व में आईजीआरएस सहित विभिन्न मंचों पर शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
ज्ञापन में विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की गई है कि विधि विभाग को उच्च न्यायालय के आदेशों का पूर्ण रूप से अनुपालन करने के निर्देश दिए जाएं और इस प्रकार की कथित मनमानी व प्रताड़ना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
मामला सामने आने के बाद विश्वविद्यालय स्तर पर हलकों में चर्चा तेज हो गई है। अब देखना होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।
