रामपुर जिले में बर्ड फ्लू की खबर सामने आने के बाद अब उत्तराखंड में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। खासकर तराई के इलाकों में जंगल के भीतर पक्षियों की अचानक मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है और लगातार निगरानी कर रहा है कि कहीं ये बर्ड फ्लू का मामला तो नहीं है।
तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि इस इलाके का जंगल जैव विविधता के लिहाज से काफी अहम है। कुछ दिन पहले गौला रेंज में बगुलों की एक प्रजाति के कई पक्षी मरे हुए मिले थे। इसके बाद तुरंत उन पक्षियों के सैंपल जांच के लिए बरेली की लैब भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि मौत का कारण बर्ड फ्लू है या कोई और बीमारी।
हिमांशु बागरी का कहना है कि अगर जंगलों में इस तरह की बीमारी फैली तो इसका असर सिर्फ पक्षियों तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि पूरे पर्यावरण पर पड़ सकता है। इसलिए एहतियात के तौर पर जंगलों के आसपास बसे इलाकों में निगरानी और सख्ती बढ़ा दी गई है। लोगों को हिदायत दी गई है कि कोई भी व्यक्ति मुर्गियां या पालतू पक्षी जंगल में न छोड़े। अगर ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पहली बार जुलाई के आखिर में गोला नदी के पास पक्षियों की मौत की खबर आई थी। इसके बाद हाल ही में दोबारा कुछ बगुले मरे हुए मिले तो फिर से सैंपल लिए गए।
दूसरी तरफ देहरादून में जिला प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट हो गया है। जिला अधिकारी सविन बंसल ने बैठक कर साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश से आने वाले मुर्गे अंडे और मांस पर रोक लगा दी गई है। जिले की सीमाओं पर पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है और चेक पोस्ट लगा दिए गए हैं।
जिला प्रशासन ने साफ कहा है कि देहरादून के करीब 170 पोल्ट्री फार्म से जल्द सैंपल लिए जाएंगे ताकि किसी भी खतरे से पहले निपटा जा सके। पशुपालन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि तीन दिन के भीतर सभी फार्म से रैंडम सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएं। साथ ही कहा गया है कि नदियों तालाबों और झीलों के आसपास मौजूद पक्षियों पर नजर रखी जाए और कोई भी पक्षी मरा हुआ या बीमार मिले तो उसकी सूचना तुरंत दी जाए।
हालांकि जिले के पोल्ट्री फार्म में अभी तक कोई भी बर्ड फ्लू का मामला सामने नहीं आया है इसलिए वहां फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन सतर्कता पूरी तरह बरती जा रही है। सविन बंसल ने ये भी कहा है कि पुलिस विभाग यूपी से लगे इलाकों में चेक पोस्ट लगाकर बाहरी मुर्गा मांस और अंडे को जिले में आने से रोकें। साथ ही जो मीट की दुकानें अवैध रूप से चल रही हैं उन्हें तुरंत सीज करने के आदेश दिए गए हैं। सभी एसडीएम और नगर निकायों को कहा गया है कि पोल्ट्री व्यापारियों से मिलकर उन्हें जागरूक किया जाए।
