अल्मोड़ा। क्वारब के पास पिछले एक साल से लगातार पहाड़ी से आ रहे मलबे ने अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और बागेश्वर की आवाजाही मुश्किल कर दी है। आए दिन सड़क बंद होने से लोग घंटों फंसे रहते हैं। यही कारण है कि 15 सितंबर की शाम व्यापार मंडल की पहल पर नगर के विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार को चेताया।
इस मशाल जुलूस को अल्मोड़ा की जनता का व्यापक समर्थन मिला। जहां भाजपा से जुड़े लोगों ने इस मशाल जुलूस से दूरी बनाई तो आम तौर पर राजनीति से दूर रहने वाले जनमानस का एक हिस्सा इस मशाल जुलूस में नजर आया।
अजय टम्टा का बयान ऐसे समय में आया है जब वो इस सड़क को लेकर चौतरफा घिरे हुए हैं। जिस काम की वह बात कर रहे हैं, उस दीवार में कई जगह दरारें (क्रेक) आ चुकी हैं। सांसद टम्टा ने कहा कि वैली साइड का कार्य लगभग 60 प्रतिषत पूर्ण कर लिया गया था, स्थानीय समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से दीवारों में क्रेक आने की बाते सामने आने के बाद तत्काल उच्च स्तरीय तकनीकी समिति के द्वारा जॉच के निर्देश दे दिए है।
क्या कहा सांसद अजय टम्टा ने
केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री अजय टम्टा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कि क्वारब संकट के स्थायी समाधान के लिए केंद्र सरकार ने करोड़ों रुपये स्वीकृत किए हैं, मगर कांग्रेस के विरोध की वजह से वैकल्पिक मार्ग का काम समय पर पूरा नहीं हो पाया।
उन्होंने कहा कि सितम्बर 2024 में क्वारब के पास करीब 200 मीटर का बड़ा भूस्खलन जोन बना था। स्थिति इतनी गंभीर थी कि भारत सरकार की तकनीकी टीम और विशेषज्ञों ने मौके का सर्वेक्षण किया और दो बड़े समाधान सुझाए थे जिसमें हिल साइड ट्रीटमेंट (पहाड़ी को मजबूत करना) और वैली साइड ट्रीटमेंट (नदी किनारे दीवार बनाना) शामिल था।
केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री और सांसद अजय टम्टा ने आगे कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार ने 68 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि तुरंत जारी भी कर दी।हिल साइड ट्रीटमेंट का काम जुलाई 2025 से शुरू होकर जुलाई 2026 तक पूरा होना है।जबकि वैली साइड ट्रीटमेंट का काम फरवरी 2025 से फरवरी 2026 तक तय किया गया है और इसमें 10 साल तक अनुरक्षण की जिम्मेदारी भी जोड़ी गई है। टम्टा ने कहा कि वैली साइड का 60% काम पूरा भी हो चुका है।
वैकल्पिक मार्ग पर अटका पेंच
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों की परेशानियों को देखते हुए क्वारब–डोबा–चौसली तक 1.70 किमी का वैकल्पिक मार्ग 10.23 करोड़ की लागत से मंजूर किया गया था। इसका लक्ष्य 15 सितंबर 2025 तक था जिससे मुख्य सड़क पर दबाव कम हो सके।
लेकिन टम्टा ने आरोप लगाया कि अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी और कांग्रेस पदाधिकारियों ने इस निर्माण का विरोध किया और निविदा प्रक्रिया का दबाव बनाया।
टम्टा ने आरोप लगाते हुए कहा कि “अगर कांग्रेस को प्रक्रिया पर शक था तो तकनीकी जांच की मांग करनी चाहिए थी, मगर जनता के लिए बन रहे वैकल्पिक मार्ग का विरोध क्यों? उनकी हठधर्मिता के कारण यह काम चार महीने पीछे चला गया,”। अजय टम्टा ने कहा कि क्वारब जैसा संवेदनशील भूस्खलन जोन भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक बेहद खतरनाक है, ऐसे में सीधे पहाड़ से छेड़छाड़ करना और भी बड़ा खतरा हो सकता है।
