Air Pollution: उत्तराखंड की इस कंपनी को मिली जिम्मेदारी, अब चार पैरामीटर पर होगी हवा की गुणवत्ता की जांच

देहरादून दीपावली के दौरान पटाखों का धुआं कितना अधिक प्रदूषण लाता है। इसकी जांच के लिए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षक एवं प्रदूषण नियंत्रण बोलने तैयारी कर…

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देहरादून दीपावली के दौरान पटाखों का धुआं कितना अधिक प्रदूषण लाता है। इसकी जांच के लिए उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षक एवं प्रदूषण नियंत्रण बोलने तैयारी कर ली है हवा के गुणवत्ता की जांच के लिए थर्ड पार्टी के रूप में आइटीएस कंपनी का चयन किया गया है।


हवा की गुणवत्ता के रूप में मुख्यतः पीएम 10 और पीएम 2.5 (सूक्ष्म कणों) के साथ ही सल्फर डाईआक्साइड (साक्स) और नाइट्रोजन डाईआक्साइड (नाक्स) के साथ ही मेटल्स की उपस्थिति का भी पता लगाया जाएगा।

वायु प्रदूषण में इन सभी तत्वों की अधिकतम सीमा पहले से तय है। हवा की इनकी उपस्थिति के आधार पर एयर क्वालिटी इंडेक्स निकाला जाएगा।


प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल के अनुसार वायु गुणवत्ता के अलावा ध्वनि प्रदूषण की स्थिति कभी परीक्षण किया जा रहा है ताकि यह स्पष्ट हो सके की दिवाली के पहले ध्वनि प्रदूषण का ग्राफ कितना रहेगा।

दिवाली की रात और उसके बाद भी स्थिति क्या होने वाली है। इस बार प्रदूषण की जांच में टिहरी को भी शामिल किया गया है जबकि देहरादून के दो स्थल और ऋषिकेश का एक स्थल भी रहेगा।


इन पैरामीटर पर जांच, यह है मानक
पीएम 10, 24 घंटे में अधिकतम मात्रा 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए।
पीएम 2.5, 24 घंटे में अधिक मात्रा 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होनी चाहिए।


सल्फर डाईआक्साइड (साक्स), 24 घंटे में अधिकतम 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर
नाइट्रोजन डाईआक्साइड, 24 घंटे में अधिकतम मात्रा 80 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर।


पिछली कुछ दीपावली में वायु प्रदूषण की स्थिति (एक्यूआइ में)


वर्ष, घंटाघर, नेहरू कालोनी, ऋषिकेश
2024, 288, 243, 173
2023, 333, 349, 196
2022, 252, 242, 236
2021, 248, 306, 257
2020, 317 (एक ही स्थल), 198


एक्यूआइ के मुताबिक हवा का हाल
शून्य से 50, अच्छा
51 से 100, संतोषजनक
101 से 200, मध्यम
201 से 300, बुरी
301 से 400 बहुत बुरी
401 व अधिक, अति गंभीर