हवा में हिल रहा था एयर इंडिया का दरवाज़ा, क्रू ने टिशू से किया जुगाड़, यात्री बोले– वो 15 मिनट ज़िंदगी के सबसे डरावने थे

1 जून 2025 को दिल्ली से हांगकांग जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-314 में जो हुआ, वो सुनकर कोई भी सहम जाए। उड़ान भरे…

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1 जून 2025 को दिल्ली से हांगकांग जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-314 में जो हुआ, वो सुनकर कोई भी सहम जाए। उड़ान भरे हुए मुश्किल से एक घंटा बीता था कि अचानक विमान के एक दरवाजे से अजीब तरह की तेज़ आवाज़ और झटका महसूस होने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे हवा का दबाव इतना बढ़ गया कि दरवाजे की बंदी हिलने लगी और दरवाज़े के किनारे से सील हटने लगी।

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सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि वहां मौजूद एयर होस्टेस ने घबराने की बजाय फौरन होशियारी दिखाई। उसने पास में रखे पेपर नैपकिन से दरवाजे को ठूंसकर किसी तरह से सील बंद की और पूरी ताकत से उसे थाम लिया। बाकी यात्री बुरी तरह सहमे हुए थे लेकिन फ्लाइट ने किसी तरह अपनी उड़ान जारी रखी और अंत में सुरक्षित हांगकांग पहुंच गई। हालांकि उस दरवाज़े के पास खड़े कुछ लोग उस वक्त जो कुछ भी देख रहे थे, वो मंजर शायद ज़िंदगी भर नहीं भूल पाएंगे।

इस पूरी घटना का ज़िक्र कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर तब हुआ जब एक यात्री ने इस फ्लाइट में हुए अनुभव को लिंक्डइन पर साझा किया। उसने दरवाजे के पास लगे हुए पेपर नैपकिन की तस्वीर भी डाली और पूरी घटना को बेहद डरावना बताते हुए लिखा कि एयर होस्टेस ने जैसे ही दरवाज़ा हिलते देखा, उसे पीछे धकेला और टिशू पेपर से भरकर किसी तरह उसे स्थिर किया। वो करीब पंद्रह मिनट विमान हवा में ऐसे ही रहा और लोग दिल थामे बैठे रहे।

पोस्ट लिखने वाले ने साफ कहा कि वो किसी को बदनाम करने या किसी ब्रांड के खिलाफ बोलने के इरादे से ऐसा नहीं कर रहे। लेकिन सुरक्षा से जुड़ी ये चीज़ें सबके सामने आनी चाहिए क्योंकि विमान उड़ान भरने से पहले जितना भरोसा देता है, वो हवा में टूटे नहीं, ये जरूरी है।

बात आगे बढ़ी तो एयर इंडिया को भी इस पर सफाई देनी पड़ी। उन्होंने बयान में कहा कि दरवाज़ा तो सुरक्षित था लेकिन उसके ऊपर लगा डेकोरेटिव पैनल हवा के दबाव से कंपन कर रहा था जिससे सीटी जैसी आवाज आ रही थी। क्रू ने जांच कर ली और विमान के सिस्टम को सुरक्षित पाया। बाद में हांगकांग पहुंचने के बाद इंजीनियरों की टीम ने पूरी जांच की और सभी तकनीकी बिंदुओं को ठीक बताया। लौटती फ्लाइट AI-315 में कोई समस्या नहीं आई।

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब एयर इंडिया की फ्लाइट सुरक्षा को लेकर सवालों के घेरे में आई है। इसी महीने 12 जून को AI-171 फ्लाइट जो अहमदाबाद से लंदन गेटविक जा रही थी, टेकऑफ के कुछ देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। उस हादसे में 242 में से सिर्फ एक शख्स ही बचा।

ऐसे में 1 जून की इस घटना ने यात्रियों के बीच डर और चिंता और भी बढ़ा दी है। जब एक चलती फ्लाइट में दरवाजे से आवाज आ रही हो और समाधान सिर्फ एक टिशू पेपर हो, तो लोगों का भरोसा डगमगाना लाज़मी है। भले ही फ्लाइट सुरक्षित लैंड कर गई, लेकिन एक के बाद एक घटनाएं एयरलाइन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती हैं। यात्रियों को न सिर्फ सफर बल्कि अपनी जान की भी चिंता सताने लगी है।