अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के हादसे के बाद अब इस घटना से जुड़ी एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हादसे के ठीक दो दिन बाद 14 जून को एयर इंडिया की एक और फ्लाइट हादसे के बेहद करीब पहुंच गई थी।
जानकारी के अनुसार, ये विमान राजधानी दिल्ली के ऊपर से उड़ान भर रहा था जब अचानक उसे ‘स्टिक शेकर’ अलर्ट मिला। यह अलर्ट तब मिलता है जब विमान एयरोडायनामिक स्टॉल की कगार पर होता है और विमान को संभालने की दिशा में तुरंत कदम उठाना जरूरी हो जाता है। यही नहीं, फ्लाइट के दौरान दो बार ‘डोंट सिंक’ यानी ‘नीचे मत जाओ’ की चेतावनी भी आई, जो जीपीडब्ल्यूएस यानी ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम द्वारा दी जाती है।
इन चेतावनियों के बीच विमान लगभग 900 फीट तक नीचे गिर चुका था। हालांकि, पायलटों ने समय रहते स्थिति को काबू में लिया और विमान को सुरक्षित रूप से विएना पहुंचा दिया। फ्लाइट ने कुल 9 घंटे 8 मिनट की उड़ान के बाद लैंडिंग की।
इस घटना की शुरुआत में पायलटों ने अपनी रिपोर्ट में केवल टर्बुलेंस के चलते स्टिक शेकर अलर्ट का जिक्र किया था, लेकिन जब फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर यानी एफडीआर की जांच हुई, तो असली सच्चाई सामने आई। इसमें स्टॉल चेतावनी और जमीन के करीब जाने की अलर्ट भी रिकॉर्ड हुई थीं।
इसके बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी। जांच के चलते दोनों पायलटों को तत्काल उड़ान से हटा दिया गया है। साथ ही एयर इंडिया के सेफ्टी हेड को तलब किया गया है और एयरलाइन को आंतरिक समन्वय सुधारने के निर्देश दिए गए हैं, खासकर इंजीनियरिंग, ऑपरेशंस और ग्राउंड हैंडलिंग विभागों में।
AI 171 के हादसे और उसके बाद सामने आई इस घटना के चलते यात्रियों के मन में एयर इंडिया की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पहले भले ही विमान पुराने होते थे, लेकिन सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होता था। आज हालात उलट हैं, प्लेन भले ही नए हो गए हैं लेकिन यात्री खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
गौर करने वाली बात यह भी है कि विएना पहुंचने के बाद यही विमान नए क्रू के साथ टोरंटो के लिए रवाना कर दिया गया। इस पूरे मामले की जांच अभी जारी है और DGCA ने एयर इंडिया की सभी उड़ानों पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है।