अहोई अष्टमी 2025: जानें व्रत रखने का तरीका और बच्चों के कल्याण के लिए सही पूजा समय

अहोई अष्टमी का व्रत भारतीय संस्कृति में सबसे खास त्योहारों में से एक माना जाता है। यह दिन खासतौर पर माता-पिता के लिए बेहद महत्वपूर्ण…

n6846512301760167948252776c62077649c666daed3bcf2e5f4fb752b240e45cd3e2b2d8ef8331581a5125

अहोई अष्टमी का व्रत भारतीय संस्कृति में सबसे खास त्योहारों में से एक माना जाता है। यह दिन खासतौर पर माता-पिता के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे अपने बच्चों की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना के साथ व्रत रखते हैं। इस दिन माताएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और घर को साफ-सुथरा बनाती हैं। माता अहोई की तस्वीर या मूर्ति को साफ करके उन्हें स्नान कराया जाता है। व्रत के दौरान माताएं अहोई माता की कथा सुनती और पढ़ती हैं, उनके लिए स्तुति और आरती करती हैं और अपने बच्चों की भलाई की प्रार्थना करती हैं। प्रसाद में मिठाई और फल बांटना भी इस पर्व की परंपरा है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता बनी रहती है।

इस साल अहोई अष्टमी 13 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। व्रत रखने वाली माताएं पूरे दिन सात्विक भोजन ग्रहण करती हैं और शुद्धता बनाए रखती हैं। इस दिन माता अहोई का पूजन और संकल्प बच्चों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है। आसान टिप्स के अनुसार व्रत के दौरान माता अहोई की तस्वीर को साफ और सुंदर रखें, कथा सुनें और प्रसाद में मिठाई और फल जरूर शामिल करें। अहोई अष्टमी का व्रत न केवल बच्चों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार में शांति, सुख और समृद्धि भी लाता है।