12 जून को अहमदाबाद के मेहगनीनगर में जो हुआ उसने पूरे देश को हिला दिया है। एक विमान उड़ान भरते ही हादसे का शिकार हो गया। जहाज बी जे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया और आग का गोला बन गया। इस दिल दहला देने वाली घटना में 275 लोगों की जान चली गई। लेकिन चौंकाने वाली बात ये रही कि इस आग के समंदर से एक शख्स जिंदा बाहर निकल आया। नाम है विश्वास कुमार रमेश। सीट नंबर 11 बी पर बैठे थे। जब हादसा हुआ तो चारों तरफ आग ही आग थी। लेकिन उसी आग के बीच से एक आदमी बाहर आता है। बदन पर सिर्फ एक सफेद टीशर्ट। वो विश्वास थे। पूरे जहाज में वही एक इंसान था जो जिंदा बच पाया।
बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं था। लेकिन उस चमत्कार के साथ एक ऐसा दर्द जुड़ गया जिसने उन्हें अंदर से तोड़ कर रख दिया है। इस हादसे में उनके बड़े भाई अजय रमेश की मौत हो गई। जब अंतिम संस्कार हुआ तो विश्वास अपने आंसू नहीं रोक पाए। बेसुध हो गए। फिर वो अपने घर दीव लौट आए। लेकिन वहां भी उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया है। किसी से बात नहीं कर रहे हैं। न मीडिया से बोले हैं और न किसी रिश्तेदार से।
अब उनके घर के बाहर तंबू तान दिया गया है। उसमें भाई अजय की फोटो लगी है। लोग लगातार घर आ रहे हैं। कोई संवेदना व्यक्त कर रहा है। कोई हालचाल पूछने आया है। लेकिन विश्वास किसी से नहीं मिल रहे हैं। उनका गुस्सा नहीं दिख रहा। उनका रोना भी नहीं दिख रहा। बस एक चुप्पी है जो पूरे माहौल को भारी बना रही है।
पुलिस ने एक बार बयान लिया है। उसके बाद विश्वास ने किसी से कोई बात नहीं की है। घर के लोग बता रहे हैं कि जब से वो वापस आए हैं तभी से चुप हैं। खाते पीते भी नहीं हैं। बाहर भी नहीं निकलते। गांव वाले कह रहे हैं कि इतना मजबूत लड़का भी इस हादसे के बाद टूट गया है।
विश्वास ब्रिटेन के नागरिक हैं। लंदन में कपड़ों का कारोबार है। कुछ महीने वहीं रहते हैं और कुछ महीने भारत में। उनका परिवार दीव में रहता है। वहां उनका मछली पकड़ने का भी काम है। कई बोट्स हैं। पैसा है। कारोबार है। लेकिन अब सब कुछ फीका लग रहा है। क्योंकि जिसने अपनों को खोया है वो जानता है कि सिर्फ जिंदा बच जाना काफी नहीं होता।
हादसे के बाद जो तस्वीर सामने आई थी जिसमें विश्वास आग से बाहर निकलते दिखे थे। वो अब पूरे देश में वायरल है। लोग कह रहे हैं कि भगवान ने उन्हें बचाया। लेकिन जिनका भाई चला गया उनके लिए ये बच जाना किसी जश्न से कम तो नहीं है लेकिन दिल के भीतर एक ऐसा जख्म है जो शायद कभी नहीं भरेगा।
विश्वास खुद कहते हैं कि जिंदा रहना एक वरदान है। लेकिन जब अपने ही साथ न हों तो वो वरदान भी कभी कभी बोझ बन जाता है।