अल्मोड़ा के सभी ब्लॉकों में किसानों तक पहुँचेगे कृषि वैज्ञानिक 12 जून तक चलेगा कार्यक्रम

अल्मोड़ा:: केन्द्र सरकार की विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि विकास से जुड़ी 6 टीमें 12 जून तक किसानों को कृषिकरण की जानकारियां उपलब्ध…

अल्मोड़ा:: केन्द्र सरकार की विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि विकास से जुड़ी 6 टीमें 12 जून तक किसानों को कृषिकरण की जानकारियां उपलब्ध कराएंगी।


कृषि विज्ञान केन्द्र मटेला के प्रभारी अधिकारी डा. राकेश कुमार शर्मा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा एक राष्ट्र एक कृषि एक टीम की भावना से विकसित कृषि संकल्प अभियान, 2025 पूरे देशभर में दिनांक 29. मई से 12. जून, 2025 पन्द्रह दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम देशभर में 700 से अधिक जिलों में संचालित किया जा रहा है जिसमें लगभग 1.50 करोड़ से अधिक किसानों से सीधा संवाद किया जायेगा। तथा 65000 से अधिक गांवों में वैज्ञानिकों की प्रत्यक्ष भागीदारी होगी। हर टीम में विषय विशेषज्ञ, वैज्ञानिक विभिन्न विभागों के अधिकारीगण नवोनमेषी किसान शामिल है।
उन्होंने बताया कि अल्मोड़ा जनपद के 11 विकासखण्डों में कृषि विज्ञान केन्द्र, अल्मोड़ा की 02 टीमें, आई.सी.ए.आर. विवेकानन्द कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा की 04 टीमें, कुल 06 टीमों द्वारा जो कि कृषि विभाग, उद्यान, पशुपालन, सहकारिता, इफ्कों, प्रगतिशील कृषकों, स्वयं सहायता समूहों, एफ.पी.ओ. के सहयोग से विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रमों द्वारा कृषकों को उन्नत कृषि तकनीकियों जिसमें फसल उत्पादन, फल-सब्जी उत्पादन, पशु पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन की जानकारियों कृषकों को दी जायेगी।
मुख्य कृषि अधिकारी द्वारा जनपद की आवश्यकतानुसार समस्त न्याय पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित करने हेतु अपने विभाग से रूट चार्ट बनाया गया है जिस पर उपरोक्त 06 टीमों द्वारा नियमित रूप से कार्यकम चलाये जायेगे।

केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि योजनाओं एवं कृषि विकास नीतियों की जानकारी कृषकों को उपलब्ध कराई जायेगी जिससे किसान भाई योजनाओं का लाभ उठाकर विकसित कृषि संकल्प को पूरा करने में सामर्थ हो सकेंगे।

साथ ही कृषि शोध में कार्यरत वैज्ञानिक कृषकों के पारस्परिक सहयोग से कृषि शोध सुदृढीकरण एवं नवीन क्षेत्रीय आवश्यकतानुसार शोध करने में सक्षम होगे।
उन्होंने कहा कि स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार सुझाव/प्रतिक्रिया को ‘समझकर नवीनतम एवं उन्नत तकनीकियों का डॉक्यूमैन्टेशन कर सकें। कार्यक्रम दौरान वैज्ञानिकों द्वारा कृषक वैज्ञानिक संवाद, मृदा जल संरक्षण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड एवं सन्तुलित उर्वरक प्रयोग, जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक एवं जैविक खेती का बढ़ावा देना बेमौसमी सब्जी उत्पादन, संरक्षित खेती एवं स्वरोजगारपरक व्यवसाय पर चर्चा की जायेगी।

इस कार्यक्रम में कृषकों से जो प्रतिक्रियाएं प्राप्त होगी उनको संकलित कर भावी कृषि विकास एवं कल्याणकारी रणनीति बनाने में मुख्य भूमिका रहेगी।