इसराइल और हमास युद्ध के चलते इजराइल में सैकड़ो इमारतें तबाह हो गई है। सड़के टूट गई है और महत्वपूर्ण भवनों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इन इमारत को दोबारा बनाने के लिए इसराइल ने उत्तर प्रदेश से कुशल मजदूरों को अपने देश में बुलाया है। इन मजदूरों ने इसराइल में काम करके पिछले साल 2024 में 1400 करोड रुपए अपने घर भेजें।
यह मजदूर वहां बढई, राज मिस्त्री और फ्रंट ऑफिस मैनेजर जैसे काम करते हैं। श्रम और रोजगार विभाग का कहना है कि लगभग 6000 मजदूर इजराइल में काम कर रहे हैं।
श्रम रोजगार विभाग के प्रमुख सचिवडॉ. MKS सुंदरम ने बताया कि यह डेटा NSDC से मिला है और उनकी टीम ने इसे जांचा है। ये मजदूर इजराइल में कंस्ट्रक्शन, मॉल मैनेजमेंट और टेक्निकल काम कर रहे हैं। 2023 के अंत में भेजे गए ये मजदूर हर महीने 1.5 लाख रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं। वे ओवर टाइम करके और भी ज्यादा पैसे कमा रहे हैं इसलिए वह हर महीने 1.5 से 2 लाख रुपये घर भेज पाते हैं। 3,000 और मजदूरों के लिए प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वे जल्द ही जाने वाले हैं। UP के मजदूरों की मांग बहुत ज्यादा है। वे अपने मालिकों के बुलाने का इंतजार कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इजरायल के अलावा दूसरे देशों में भी यूपी के मजदूरों की काफी मांग केयरगिवर्स की। क्रोएशिया ने इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग को देश में भी मजदूरों की मांग मिल रही है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि चेन्नई के कुछ ठेकेदारों ने गन्ना काटने में माहिर 1,000 कृषि मजदूरों की मांग की है।
प्रमुख सचिव का कहना है कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन बनाने का फैसला किया है। इससे राज्य के युवाओं को भारत और विदेशों में नौकरी आसानी से मिलेगी। मिशन का लक्ष्य राज्य के एक लाख से ज्यादा मजदूरों को देश और विदेश के बाजारों में नौकरी दिलाना है।
सरकार ने इसके लिए 200 करोड रुपए अलग रखे हैं। सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत एक समर्पित सोसाइटी बन रही हैं। पहली बार सरकार विदेशी नौकरी प्लेसमेंट के लिए अपने खुद के भर्ती लाइसेंस के साथ काम करेगी।
