बैंक सेविंग अकाउंट रखने वाले करोड़ों ग्राहकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। पीएनबी के बाद आप कई बड़े सरकारी बैंकों ने अपने ग्राहकों को मिनिमम बैलेंस बनाए रखने की शर्त से छूट दे रहे हैं।
इसका सीधा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जिनकी आय सीमित है या जिनका बैंकिंग लेनदेन कम है। अगर आपके खाते में राशि से कम पैसा है तो आप पर किसी तरह का कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
बैंक द्वारा सेविंग अकाउंट के लिए एक न्यूनतम राशि निर्धारित की जाती थी जिसे खाता धारकों को हर वक्त अपने खाते में बनाए रखना होता था यदि ग्राहक का बैलेंस तय समय से नीचे चला जाता था तो जुर्माना लगता था यह नियम मेट्रो, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के हिसाब से भिन्न होता था।
किन बैंकों ने हटाई न्यूनतम बैलेंस की शर्त?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
प्रभावी तिथि: 11 मार्च 2020 (पहले से लागू)
घोषणा: सभी सेविंग्स खातों के लिए AMB की अनिवार्यता समाप्त।
पहले की स्थिति: ₹5 से ₹15 तक का जुर्माना और टैक्स लगता था।
इंडियन बैंक
प्रभावी तिथि: 7 जुलाई 2025
नया नियम: सभी सेविंग अकाउंट्स पर न्यूनतम बैलेंस चार्ज पूरी तरह समाप्त
बैंक का उद्देश्य: ‘ग्राहक-केंद्रित पहल’ और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
प्रभावी तिथि: 1 जुलाई 2025
नया नियम: न्यूनतम औसत बैलेंस न रखने पर अब कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
केनरा बैंक
प्रभावी तिथि: 1 जून 2025
प्रभावित अकाउंट्स:
सामान्य सेविंग अकाउंट
सैलरी अकाउंट
एनआरआई अकाउंट
सीनियर सिटीजन और स्टूडेंट अकाउंट
घोषणा: ‘नो पेनल्टी बैंकिंग’ की दिशा में कदम।
ग्राहकों को क्या फायदा?
लो-बैलेंस पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी
छोटे खाताधारकों को राहत, खासकर ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के लिए
बैंकिंग सेवाओं तक आसान पहुंच, जिससे वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा
