नेपाल में हिंसा में उत्तराखंड की एक महिला की भी जान चली गई। काठमांडू में देहरादून गाजियाबाद के ट्रांसपोर्ट कारोबारी रामवीर सिंह गोला को अपनी पत्नी का शव 48 घंटे के बाद मिला जिसे देखकर वह रो पड़े गुरुवार दोपहर नेपाली सेना ने रामवीर की पत्नी राजेश गोला का शव उन्हें सौपा।
रामवीर पत्नी के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस में डालकर दोपहर 2:00 बजे भारतीय बॉर्डर के लिए रवाना हुए। वह शुक्रवार सुबह तक गाजियाबाद पहुंच गए। काठमांडू से गाजियाबाद तक पहुंचने में उन्हें 17 से 18 घंटे लगे। वही गाजियाबाद से एक एंबुलेंस और कुछ वाहनों के साथ रामबीर की ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी यूपी-नेपाल बॉर्डर के लिए सुनौली गोरखपुर रवाना हो गए।
देहरादून स्थित यूनिट के मैनेजर बृजेश और रामवीर के भतीजे अमित कुमार गोला ने काठमांडू से सुनौली बॉर्डर आने में 8 घंटे लगे। भारत नेपाल बॉर्डर पर राजेश गोला के शव को गाजियाबाद से भेजी गई एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया। उनको अपने खर्चे पर एंबुलेंस बुक करनी पड़ी।
नेपाल में ट्रांसपोर्ट कारोबारी रामवीर सिंह गोला की पत्नी की मौत एक बेहद दुखद खबर है। कारोबारी ने शुरुआत में पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस से लाने का प्रयास किया लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। रामवीर ने खुद एंबुलेंस बुक की गाजियाबाद से भी उनके परिचय बॉर्डर पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि आज यानी कि शुक्रवार को उनका पार्थिव शरीर गाजियाबाद पहुंच जाएगा।
गाजियाबाद से रामवीर के रिश्तेदार अरुण कुमार गोला का कहना है कि गाजियाबाद के नंदग्राम थाना क्षेत्र की मास्टर कॉलोनी में रहने वाले रामवीर सिंह गोला अपनी पत्नी राजेश गोला के साथ काठमांडू पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए 7 सितंबर को गए थे।
भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन के बाद दंपती काठमांडू के होटल में लौट रहा था। इसी होटल में रात करीब 11:30 बजे उपद्रवियों ने आग लगा दी। होटल में आग और भगदड़ से राजेश गोला होटल की चौथी मंजिल से गिर गई जिससे उनकी मौत हो गई।
इस घटना के बाद उनके बेटे राजकमल विशाल और बेटी भारती शोक में डूब गए हैं। कई और रिश्तेदार भी गाजियाबाद पहुंच चुके हैं।
