उत्तरकाशी जिले के डुंडा ब्लॉक के लोदाड़ा गांव के लोगों ने शराब के बढ़ते चलन पर रोक लगाने के लिए खुद कमर कस ली है। गांव में आयोजित आम बैठक में ग्रामीणों ने नशामुक्त अभियान की शुरुआत करते हुए फैसला लिया कि अब किसी भी शादी या सामाजिक कार्यक्रम में शराब नहीं परोसी जाएगी। अगर किसी ने नियम तोड़ा तो उस पर 51 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
ग्राम प्रधान कविता बुटोला ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि शादी विवाह, चूड़ाकर्म या किसी भी धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम में शराब नहीं चलेगी। यदि किसी परिवार के यहां शराब परोसने या सेवन की शिकायत मिली तो पूरे गांव के लोग उस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। इतना ही नहीं, उस परिवार को 51 हजार रुपये का दंड भी भरना होगा और आगे गांव के किसी भी आयोजन में उसे शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।
ग्राम प्रधान ने कहा कि यह फैसला गांव के युवाओं और बच्चों के भविष्य को देखते हुए लिया गया है। ग्रामीणों का मानना है कि अगर समय रहते शराब के चलन पर रोक नहीं लगी तो आने वाली पीढ़ी नशे की गिरफ्त में फंस जाएगी और अपराध के रास्ते पर जा सकती है। उन्होंने कहा कि पहले भी शराब के कारण कई बार शादी समारोहों में झगड़े और विवाद हो चुके हैं, इसलिए गांव ने यह सख्त कदम उठाया है।
इस बैठक में ग्राम प्रधान कविता बुटोला के साथ महिला मंगल दल, युवा मंगल दल और बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे। सभी ने नशामुक्त गांव बनाने के संकल्प के साथ इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया।
