दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर की शाम हुआ धमाका लोगों के दिल दिमाग से अभी तक नहीं निकला है। इस ब्लास्ट की दहशत इतनी भयानक थी कि तीसरे दिन भी वहां से इंसानी जिस्म के टुकड़े मिल रहे हैं। बुधवार को धमाके वाली जगह से करीब पांच सौ मीटर दूर बाजार के एक गेट की छत पर एक कटा हुआ हाथ मिला है। पुलिस ने इलाके को तुरंत सील कर दिया है और आसपास के सभी रास्तों पर सख्ती बढ़ा दी गई है।
रेड लाइट पर खड़ी i20 कार में हुआ धमाका इतना तेज था कि पास खड़ी गाड़ियां और दुकानों के शीशे तक उड़ गए। चारों तरफ सिर्फ चीख पुकार मच गई। सड़क पर बिखरे पड़े जले हुए सामान और खून के धब्बे उस रात की डरावनी तस्वीर आज भी बयान कर रहे हैं। धमाके में अब तक बारह लोगों की जान जा चुकी है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जो बातें सामने आई हैं उन्होंने सबको हिला दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि धमाके की वजह से मरने वालों की हड्डियां टूट गईं। सिर पर गहरे जख्म मिले। कई लोगों की आंतें और कान के पर्दे तक फटे हुए थे। अंदरूनी अंगों पर धमाके की तरंगों ने ऐसा असर डाला कि पेट और फेफड़ों तक को नुकसान पहुंचा। कई शवों के टुकड़े तक अलग अलग जगहों पर मिले। डॉक्टरों के मुताबिक मरने वालों का काफी खून बह गया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
जांच में पता चला है कि धमाके में जिस i20 कार का इस्तेमाल हुआ उसे डॉक्टर उमर चला रहा था। डीएनए रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि हो गई है। पुलिस ने कार से मिले हड्डियों और दांतों के सैंपल को उमर की मां के डीएनए से मिलाया जिसमें दोनों सैंपल एक जैसे पाए गए। इससे साफ हो गया कि धमाके के वक्त कार में मौजूद व्यक्ति डॉक्टर उमर ही था और उसी धमाके में उसकी मौत हो गई।
इलाके में अभी भी जांच जारी है और पुलिस हर उस सुराग की तलाश में है जिससे इस भयानक वारदात की सच्चाई सामने आ सके। लोग अब भी खौफ में हैं और बाजार के आस पास सन्नाटा पसरा है।
