युवाओं के भविष्य से खेलने वाला नकल गिरोह गिरफ्तार, होटल के कमरे से चला रखा था पूरा सिस्टम

हल्द्वानी से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल के जरिए युवाओं के सपनों से खिलवाड़ करने वाला गैंग पकड़ा गया है।…

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हल्द्वानी से एक बड़ी खबर सामने आई है। प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल के जरिए युवाओं के सपनों से खिलवाड़ करने वाला गैंग पकड़ा गया है। हल्द्वानी के एक होटल में छिपकर काम कर रहे इस गैंग को पुलिस ने दबोच लिया है। गैंग का सरगना समेत कुल 9 लोगों को पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो लैपटॉप। एक डोंगल। और ग्यारह मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।

ये गैंग एसएससी की आगामी परीक्षा में नकल कराने की तैयारी कर रहा था। जानकारी के मुताबिक अभ्यर्थियों से लाखों रुपये वसूल कर उन्हें परीक्षा में पास कराने की गारंटी दी जा रही थी। पकड़े गए लोगों ने पूछताछ में बताया कि वो किसी डिजिटल लाइब्रेरी को किराए पर लेते थे। वहां कंप्यूटर सिस्टम लगाकर एनीडेस्क जैसे ऐप की मदद से सॉल्वर की सहायता से परीक्षार्थियों को उत्तर भिजवाए जाते थे।

हल्द्वानी के टीपीनगर क्षेत्र में स्थित होटल जलविक के कमरे नंबर 103 में पुलिस ने छापा मारा। शनिवार को जब दबिश दी गई तो सभी आरोपी वहीं मौजूद थे। सभी आरोपी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलग अलग जिलों से हैं। गिरोह के दो मुख्य सदस्य सुनील कुमार और परविंदर कुमार पहले भी आपराधिक मामलों में लिप्त रह चुके हैं।

इस बार हल्द्वानी के मानपुर पश्चिम इलाके की एक डिजिटल लाइब्रेरी को किराए पर लेकर वहां से नकल कराने की योजना बनाई गई थी। चार चार लाख रुपये में सौदा तय होता था। बरामद किए गए लैपटॉप में से एक लेनोवो का थिंकपैड है जबकि दूसरा एचपी कंपनी का है। इसके अलावा मोबाइल और डोंगल भी पुलिस के हाथ लगे हैं।

गिरफ्तार आरोपियों में से कुछ के खिलाफ पहले से भी धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के केस दर्ज हैं। सुनील कुमार पर मुजफ्फरनगर में और परविंदर पर मेरठ में पुराने मामले दर्ज हैं। एक अन्य आरोपी जसवीर सिंह पर भी जालसाजी के आरोप लगे हैं।

हल्द्वानी कोतवाली की टीम ने कोतवाल राजेश कुमार यादव के नेतृत्व में ये कार्रवाई की है। एसएसपी नैनीताल ने इस कामयाबी पर टीम को ढाई हजार रुपये इनाम देने का ऐलान किया है।

पुलिस का कहना है कि नकल कराने वालों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। युवाओं के भविष्य से खेलने वाले ऐसे लोगों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। परीक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और सुरक्षित रखने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है।