देश के कुछ राज्यों में कोडीनयुक्त कफ सिरप पीने से कई बच्चों की जान चली गई थी। जिसके बाद से इस कफ सिरप को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी भी गई। इसके बाद हर राज्य की सरकारों ने कफ सिरफ को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया था। वहीं अब उत्तराखंड में भी कफ सिरप पीने से एक 4 साल की बच्ची की तबीयत खराब हो गई।
जानकारी के अनुसार हरिद्वार जिले के रुड़की स्थित भगवानपुर में खांसी की सिरप पीने से एक बच्ची का स्वास्थ्य बिगड़ गया। परिजन आनन फानन में बच्ची को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे जहां पर उसे डॉक्टरों ने भर्ती कर दिया, और समय से उपचार देकर उसकी जान बच गई। इसके साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों ने लोगों को कुछ सावधानियां बरतने की भी सलाह दी है।
बता दें कि रुड़की क्षेत्र के भगवानपुर से गर्विका नाम की बच्ची को दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। जिसकी खांसी का सिरप पीकर तबीयत बिगड़ गई थी जहां अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज के उसकी जान बचा ली थी। उसे 10 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
दून अस्पताल में पेडियाट्रिक विभाग के एचओडी डॉ अशोक ने बताया कि बच्ची को कफ सिरप पीने के बाद हुए रिएक्शन का पहला मामला उनके सामने आया था। बच्ची के परिजनों ने लोकल प्रैक्टिशनर से खरीद कर कफ सिरप बच्ची को पिलायी थी। सिरप की डोज ज्यादा पिलाये जाने के बाद बच्ची की तबीयत खराब हो गई।।जिसके बाद बच्ची के हाथ पैर सुन्न हो गए और अचेत अवस्था में चली गई। परिजन उसे दून अस्पताल लेकर आए। बच्ची को 7 से 8 दिन सांस की मशीन पर रखना पड़ा।
